द्रौपदी द्वारा पेड़ से तोडा हुआ फल जब फिर से पेड़ पर जुड़ गया तब द्रौपदी का कौनसा राज़ खुला था?
इस प्रकार की कोई सी भी कथा न तो महाभारत में है न ही अन्य किसी ग्रन्थ में है ऐसी कथाये भील महाभारत जैसी पुस्तकों में जरूर हो सकती है जिसे कोई भी स्कॉलर प्रमाणित ही नहीं मानता महाभारत तथा अन्य ग्रंथो के मुताबिक द्रौपदी पतियों का अनुसरण करने वाली है, विनम्र स्त्री है , विदुषी है।
महाभारत के अनुसार वो द्रौपदी ही थी जिसकी वजह से पांडव दास बनने से बच गए थे , सत्यभामा जी तो पांडवो के द्रौपदी के कहे के अनुसार चलने और उस पर कभी भी गुस्सा न होने से अचंभित ही हो गयी थी कुंती माता भी द्रौपदी को सबसे ज्यादा प्रेम करती थी तथा द्रौपदी के अपमान के बदला लेने के लिए युद्ध चाहती थी .
आज कल ढेरो ऐसी कहानिया जनमानस में प्रचलित है जो सत्य नहीं है कृपया इन कहानियो पर विश्वास करने से पहले महाभारत , पुराण तथा वेदो का अध्ययन कर ले इन कहानियो में कितनी सच्चाई है ये आपको अपने आप पता चल जायेगा।