द्रौपदी ने कुत्तों को कौन सा कटु श्राप दिया था और जिसका परिणाम वो आज भुगत रहे हैं?
शादी के बाद द्रोपदी अपने पांच पतियों के साथ रहने लगी लेकिन वह एक समय किसी एक पांडव के साथ ही समय व्यतीत करती थी। जब द्रोपति अपने कक्ष में किसी एक पांडव के साथ रहती थी तो पांडव दरवाजे के सामने अपनी चरण पादुका ऊपर रख देते थे। जिससे कि दूसरे पांडव को यह जानकारी होती थी कि द्रोपदी दूसरे पांडव के साथ अपने कक्षा में है। लेकिन एक दिन ऐसी हवा चली कि दरवाजे के पास रखें चरण पादुका को एक कुत्ता घूमते-घूमते मुंह में लेकर दूर जंगल में चला गया।
इस दौरान दूसरे दूसरे पांडव और द्रोपदी के रूम क दूसरे पांडव जब द्रोपदी के कक्ष की तरफ गए तो उन्होंने यह देखा कि दरवाजे पर कोई भी चरणपादुका नहीं है। अतः कक्षा में कोई भी नहीं होगा जब वह कक्ष में प्रवेश किया तो उन्होंने देखा की द्रौपदी किसी दूसरे पांडव के साथ बिस्तर पर सोई है ।यह देख तीनों शर्म से लज्जित हो गए और बाहर दरवाजे पर देखा तो कोई चरणपादुका नहीं है। फिर दूर जंगल जा कर देखा तो एक कुत्ता उनके चरण पादुका को लेकर खेल रहा था।
इस पर द्रोपदी को काफी शर्म और गुस्सा आया इसलिए द्रौपदी ने कुत्तों को यह श्राप दे दिया की जिस तरह किसी ने मेरा सहवास होते हुए देखा उसी तरह पूरी दुनिया तुम्हारा सहवास होते हुए देखेगी तभी से कुत्ते खुले में ही सहवास करते हैं।