न्यायालय में उपयोग किए जाने वाले कागज का रंग हल्का हरा क्यों होता है? जानिए

न्यायालय में उपयोग होने वाले हरे कागज़ को लेजर (Ledger) पेपर कहते हैं । इस पेपर में काफी शुरुआत से वॉटर मार्क होता था, जैसा कि आपने भारतीय नोटों में गांधीजी, RBI, रुपए का अंदर से पारदर्शी सा देखा होगा ।

हरे लेजर पेपर में वॉटर मार्क का नमूना । कुछ इस तरह से वॉटर मार्क पेपर में अन्दर की ओर दिखता है । (जब आप रोशनी में एक कागज़ उठा के देखेंगे ।)

यह कागज़ अन्य पेपर की अपेक्षा मजबूत होता है, इसे अभिलेख (रिकॉर्ड) के रूप में ज्यादा दिन तक सुरक्षित रखा जा सकता है ।

कुछ ऐसा दिखता है ये कागज़, हल्के हरे रंग का।

ये कागज़ पुराने समय (कम्प्यूटर युग के पहले) में रिकॉर्ड रूप में रखे जाने वाले रजिस्टर में प्राय: इस्तेमाल होता था, क्योंकि ज्यादा टिकाऊ होता था। पहले ये ज्यादातर बड़े साइज़ में आता था, क्योंकि रजिस्टर बड़े होते थे। लगभग 1975 के पहले हमारे सारे रिकॉर्ड, जैसे – कक्षा दसवीं, बारहवीं व यूनिवर्सिटीज के बच्चों के नाम, पिता का नाम, जन्मतिथि, विषय, प्राप्तांक व पूर्णांक सभी, रजिस्टर में हाथ से लिखे जाते थे और बहुत दिनों तक इसी कागज़ में सुरक्षित रहते थे ।

क्योंकि न्यायालय के कागज़ को भी रिकॉर्ड के रूप में ज्यादा दिन तक रखते हैं, इसीलिए न्यायालय में इस कागज़ को उपयोग में लाया जाता है।

पहले बड़े साइज़ के कागज़ को काट के इस्तेमाल में लाया जाता था, अब कागज़ मिलें (Paper Mills) इन्हें काट के लीगल साइज़ में पैक करके देती हैं। आप इस कागज़ के पैकेट व साइज़ को नीचे फोटो में देख सकते हैं –

इस कागज़ का साइज़ इंच में 8.5 x14, सेंटीमीटर में 22 x 36 सेंटीमीटर होता है ।

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