पत्तागोभी को स्वास्थ्य के लिए खतरा क्यों बताया जा रहा है? लोग इसका प्रयोग बन्द क्यों करने लगे हैं? जानिए सच

सात आठ वर्ष पूर्व मेरी परिचिता की बेटी को छाती के थोड़ा ऊपर एक फोड़े जैसा दाना हुआ,जिसमें उसको कुछ रेंगने का सा एहसास होने के साथ दर्द भी होती थी।चिकित्सक द्वारा फोड़े की जाँच कराने वहाँ फीताकृमि पाए गए,जो आमतौर पर बन्दगोभी में पाए जाते हैं।वह जंक फूड और मोमोज़ बड़े चाव से खाती थी।
दूसरे मामले में एक दस वर्षीया लड़की के दिमाग में ये कीड़े पहुँच गए थे जिससे उसे मिर्गी के दौरे जैसे पड़ने लगे थे।पहले तो यही समझा गया कि उसे मिर्गी हो गई है किन्तु इलाज के बाद भी आराम न आने पर अगली जाँचों में फीताकृमि वाली बात सामने आई।
इन दोनों लड़कियों का इलाज काफी समय चला।६ महीने बाद वे ठीक हो पाईं।इसका इलाज काफी महंगा भी था।

कुछ और मामलों में कुछ लोंगों की इलाज के दौरान मृत्यु भी हो गई क्योंकि ये कीड़े शरीर में बहुत ज्यादा फैल गए थे।

मेरी परिचिता को डॉक्टर ने बताया :

फीताकृमि बहुत सूक्ष्म होते है इसलिए दिखाई नहीं देते।
अच्छे से गोभी पकाने पर भी ये नहीं नष्ट होते।
कृमि युक्त पत्तागोभी खाते ही ये आँतों में चले जाते हैं।वहाँ इनके अण्डे देने से तेजी से इनकी संख्या बढ़ जाती है, जिससे आन्तरिक हिस्सों में घाव बन जाते हैं।
हमारे भोजन को ये अपना आहार बनाकर संख्या में बढ़ते जाते हैं।
फिर रक्त और नसों के रास्ते होते हुए इनके लार्वा दिमाग में पहुंच जाते हैं । जिससे लोगों को तेज सिर दर्द की शिकायत होती है, जो गम्भीर समस्या का रूप धारण कर लेती है।
शुरू में स्थिति का ठीक से पता नहीं चलता। इनकी मौजूदगी का पता ठीक से तब चलता है ‘जब ये दिमाग में पहुँचकर नर्वस सिस्टम को प्रभावित करने लगते हैं।

इसका परिणाम मिर्गी की तरह दौरे पड़ना होता है;जो इसका प्रमुख लक्षण है।

इसके अलावा इसके अलावा सिर में तेज दर्द होता है। थोड़े से काम में थकान और कमजोरी होती है। भूख कम या ज्यादा हो सकती है।वजन कम होने लगता है और शरीर में पोषक तत्वों की कमी भी इस समस्या के लक्षण है।रोगी का समुचित इलाज न होने पर उसकी मृत्यु भी हो जाती है।

कहते हैं इलाज से बचाव बेहतर होता है।बन्दगोभी किसी भी रूप में खाने से बचें।आप कहेंगे कि खौलते पानी से धोकर इसका प्रयोग किया जा सकता है।ऐसा करने से भी कोई फायदा नहीं है क्योंकि य़दि पत्ता गोभी में कृमि हुए,तो भी वे नष्ट नहीं होंगे क्योंकि ये बहुत सूक्ष्म और सख्तजान होते हैं।

बाजार के वे फास्टफूड न खाएं जिनमें बन्दगोभी पड़ती है और बन्द गोभी की सब्जी घर में न बनाएं।

बन्दगोभी अत्यन्त पौष्टिक सब्जी है।कई लोग इस को खाने का लोभ संवरण नहीं कर पाते हैं।उनको इस कीड़े के बारे में भी सोचना चाहिए,जो बन्द गोभी में होने की स्थिति में रोगग्रस्त हो जाने व इलाज में देरी होने पर जानलेवा भी हो सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *