पश्चिम बंगाल की हिंसा में 12 लोगों की मौत
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के नतीजों के सामने आते ही राज्य के विभिन्न हिस्सों से बड़े पैमाने पर हिंसा की ख़बरें सामने आने लगी हैं. बीजेपी का आरोप है कि चुनाव में अप्रत्याशित जीत के बाद टीएमसी के समर्थकों ने जगह-जगह पार्टी कार्यकर्ताओं पर हमले शुरू कर दिए हैं.
दूसरी ओर, टीएमसी ने इसे बीजेपी की अंतर्कलह का नतीजा बताया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ़ोन पर राज्यपाल जगदीप धनखड़ से बातचीत में हिंसा से उपजी हालत का जायज़ा लिया. उन्होंने राज्य में जारी हिंसा पर गहरी चिंता जताई है. ख़ुद राज्यपाल ने अपने एक ट्वीट में इसकी जानकारी दी है.
सोशल मीडिया पर तस्वीरें और वीडियो
रविवार को चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद से ही सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर हिंसा की तस्वीरों और वीडियो के साथ तमाम दावे किए जा रहे हैं. ऐसी पोस्ट और ट्वीट्स की तादाद इतनी ज़्यादा है कि स्वतंत्र रूप से उनकी पुष्टि संभव नहीं है.
लेकिन इससे राज्य में ख़ासकर ग्रामीण इलाक़ों में भ्रम और आतंक का माहौल पैदा हो गया है. इस मुद्दे पर विवादास्पद ट्वीट की वजह से अभिनेत्री कंगना रनौत का ट्विटर अकाउंट भी सस्पेंड कर दिया गया है.
पुलिस के मुताबिक़, रविवार रात से अब तक राज्य के अलग-अलग इलाक़ों में हुई झड़पों में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई. पुलिस ने यह नहीं बताया है कि मृतक किस पार्टी से जुड़े थे. लेकिन बीजेपी का दावा है कि उसके कम से कम छह लोग हिंसा में टीएमसी कार्यकर्ताओं के हाथों मारे गए हैं.
टीएमसी ने भी अपने चार लोगों की मौत होने का दावा किया है, जबकि एक व्यक्ति को इंडियन सेक्यूलर फ़्रंट का समर्थक बताया गया है.
इसके अलावा कई इलाक़ों में पार्टी दफ़्तरों में आग और घरों में तोड़-फोड़ की ख़बरें भी सामने आई हैं. हिंसा के आरोप में पुलिस ने राज्य के विभिन्न इलाक़ों से अब तक 26 लोगों को गिरफ़्तार किया है.
केंद्र ने माँगी रिपोर्ट
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस हिंसा पर गहरी चिंता जताते हुए राज्य सरकार से इस मामले पर रिपोर्ट माँगी है. राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने भी अपने एक ट्वीट में चिंता जताते हुए पुलिस प्रशासन से इस पर अंकुश लगाने को कहा है.
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा चुनाव बाद के हालात का जायज़ा लेने मंगलवार को दो दिन के दौरे पर यहाँ पहुँचे हैं. दूसरी ओर, ममता बनर्जी ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि बुधवार को उनके शपथ नहीं लेने तक क़ानून और व्यवस्था की ज़िम्मेदारी चुनाव आयोग पर है.
लेकिन हिंसा पर अंकुश लगाया जाना चाहिए. बीजेपी ने इस हिंसा के विरोध में पाँच मई को पूरे देश में धरना देने का एलान किया है.