‘पारस पीपल’ क्या होता है और इसकी पूजा से क्या चमत्कारिक फायदे होते हैं? जानिए

पीपल का वृक्ष तो आपने देखा ही होगा लेकिन पारस पीपल को शायद ही देखा होगा। यह जंगल में पाया जाता है और यह सामान्य पीपल से भिन्न होता है। आओ जानते हैं पारस पीपल कैसे होता है और क्या है इसकी पूजा करने के फायदे।

सामान्य पीपल से पारस पीपल थोड़ा अलग दिखाई देता है। यह आमतौर जंगलों में बहुतायत में पाया जाता है। इसके पत्ते दूर से देखने पर कुछ-कुछ पीपल की तरह ही होते हैं, परंतु इसके पत्तों की गोलाई अधिक होती है। इनमें भिंडी के फूलों की तरह पीले रंग के फूल आते हैं। इसके पेड़ की ऊंचाई भी अधिक नहीं होती।

गुरु ग्रह के दोष के तुरंत ही शांत करने के लिए पारस पीपल की पूजा का खास महत्व होता है।

पीपल के वृक्ष को साक्षात विष्णु का रूप माना जाता है। इसकी पूजा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं।

अन्य सामग्रियों के साथ इसका प्रयोग करके धन, वैभव, सुख, ऐश्वर्य हासिल किया जा सकता है।

पारस पीपल के 108 पत्तों पर भगवान विष्णु का नाम मंत्र लिखकर जल में प्रवाहित करने पर शीघ्र लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।

यदि आपके ऊपर किसी ने कुछ कर दिया है, किसी काम में आपका मन नहीं लगता है या बार-बार बीमार पड़ रहे हैं तो पारस पीपल के 21 पत्तों पर ‘ऊं हं हनुमतै नमः ‘लिखकर नदी में प्रवाहित करें, आपके सिर से सारी बाधाएं हट जाएंगी।

पारस पीपल की जड़ को चंदन के साथ मिश्रित कर बाजुओं पर त्रिपुंड करने से साहस और शक्ति का संचार होता है।

आयुर्वेद के अनुसार पारस पीपल बलवर्धक, वीर्यवर्धक होता है।

कई तरह के मानसिक रोगों में भी पारस पीपल से बनी औषधि का प्रयोग किया जाता है।

पारस पीपल का उपयोग नशे की लत छुड़वाने वाली दवाओं में भी किया जाता है।

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