पेंग्विन पक्षी के बारे में रोचक तथ्य क्या है? जानिए
पेंगुइन ‘पेंग्विन अद्भुत पक्षी हैं जो किसी अन्य पक्षी की तरह पार्क या पक्षी अभयारण्य में देखनेको मिलते है। वे एक तरह से ठंडे वातावरण में रहनेके लिए अनुकूल हैं जिसके कारण वे बहुत खास पक्षी है। उनके बारेमें रोचक तथ्य इस प्रकारके हैं।
पेंग्विन की 17 प्रजातियां हैं, जिनमें से कुछ भूमध्य रेखा से उत्तर की ओर पाई जाती हैं, लेकिन अंटार्कटिका और उप-अंटार्कटिक द्वीपों में केवल आठ पेंगुइन प्रजातियां देखी जा सकती हैं: चेंप्रस, सम्राट, एडिले, गेनोस, राजा, मैगेलानिक्स, रॉकहॉपर,और मैकरोनीस।
अधिकांश पेंगुइन दक्षिणी गोलार्ध में याने अंटार्टिक जैसे ठंड परदेशमें रहते हैं। न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, चिली, अर्जेंटीना और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों इनकी में बड़ी आबादी
पेंगुइन उड़ान रहित पक्षी हैं जिनके पंख उन्हें पानी में तैरने में मदद करने के लिए फ्लिपर्स की तरहकाम करते है। वे जमीन और समुद्री पानी दोनों में रह सकते है।
तैरनेके लिए उनके ब्रेस्ट और पंख की मांसपेशियां अच्छी तरहसे विकसित हैं जो उन्हें घने पानी के माध्यम से धकेलने में मदद करती हैं।तैराकी को आसान बनाने के लिए, पेंगुइन के रक्त हीमोग्लोबिन – को तैरते करते समय पूरे शरीर में ऑक्सीजन की बड़ी मात्रा में परिवहन के लिए अनुकूलित किया गया है।इसके अलावा, मायोग्लोबिन की एक बड़ी मात्रा उनके मांसपेशियों के ऊतकों में है, जिसके वजह वे गहरे पानी में होने पर ऑक्सीजन को स्टोर कर सकते हैं।
तैरते समय वे अपने पैरों को पूंछ के करीब रखते हैं, जिससे वे आसान से नेविगेट करने में सक्षम होते हैं। पेंगुइन की आंखों की रोशनी पानीमें अच्छी है, और वास्तव में इनकी दृष्टि जमीन की तुलना में पानी के लिए बेहतर है।
पेंगुइन झींगा जैसा ठंडे सागरमे रहनेवाले क्रिल खाते हैं, साथ ही साथ स्क्वॉयड और मछलियां भी खाते हैं। गर्मियों के महीनों के दौरान, पेंगुइन अंटार्कटिक सिल्वरफ़िश खाना पसंद करते हैं, जो अंटार्कटिका से उथले तटीय पानी में सबसे प्रचुर मात्रा में छोटी मछली हैं।
अधिकांश पेंगुइन उन वातावरणों में रहते हैं जहाँ बहुत कम मीठा पानी होता है। प्यास लगने पर चुनने के लिए उनके पास बर्फ या खारा पानी होता है। खारे पानी के अधिक सुविधाजनक और प्राप्त करने में आसान होने के साथ, पेंगुइन में एक विशेष अनुकूलन होता है जो उनके नमक के स्तर को संतुलित रखने में मदद करता है।इसलिए पेंग्विन समुद्रका खारा पानी पीते हैं।
पेंग्विन अपना आधा समय पानीमें और आधा जमींपे गुजारते हैं।
सम्राट या एम्पेरेर पेंग्विन सभी पेंग्विन प्रजातियों में से सबसे ऊँचा है, जिसकी ऊँचाई 120 सेंटीमीटर (47 इंच)इतनी है।तो किंग पेंगुइन दूसरी सबसे बड़ी पेंगुइन प्रजातियां हैं।
जमीं परपेंग्विन कॉलोनी करके रहते हैं जहां हजारो पेंग्विन के जोड़े साथ होते हैं।
ऐसे अनेक रोचक तथ्य पेंग्विन के बारेमें हैं। मैंनेऔरमेरे छात्र डॉ अनंत पांडे ने पेंग्विन और क्रिल झींगा पर प्रोजेक्ट बनाया था जिसे भारत सरकारके अंटार्टिक संशोधन संस्था से मंजूरी मिलीं थी तब अनंत पांडे ने अंटार्टिक पर जाके संशोधन किया।
मेरे ऑस्ट्रेलिया यात्रा के दरम्यान गोल्डकोस्ट के सी वर्ल्ड थीम पार्क में पेंग्विन की अदभुत दुनिया देखी।इस यात्रा के दौरान एक दिन मेलबर्न के नजदीक फिलिप द्वीप पर जाके शामके समय पेंग्विन समुद्रसे लौटके अपने घौसलोमे कैसे वापस आके अपना खुदका घोसला ढूंढ़ निकाल देते हैं ये नजारा देखा जिसे भूल नहीं सकता। पेंग्विन परेड से ये ट्रिप जानी जाती हैं।
मुंबई के भायकला में स्थित वीरमाता जीजाबाई भोसले उद्यान/भायकला चिड़ियाघर में हम्बोल्ट पेंग्विन को देख सकते हैं। इन पेंग्विन को इस चिड़िया घर में रहनेके लिए ठंडे वातावरण के खास कक्ष /जलाशय तैयार किये है।