बच्चे की भूख, आंखें नम कर देने वाली कहानी

एक बच्चा महज दस साल का भूख से परेशान अपने पेट की भूख मिटाने यहां वहां भटक रहा था। क्योकि उसकी मां कुछ दिन पहले ही कैंसर जैसी गंभीर बीमारी की वजह से मर चुकी थी क्योंकि उसकी बीमारी और इलाज के बीच में पैसा नाम की दीवार जो आ गई थी कैसे अपना इलाज करवाती बेचारी और अगर बात करें पिता की तो जब वह अपनी मां के पेट में ही था तो पिता शराब पी पीकर पहले ही मर चुका था। वह मासूम अपने पेट की भूख शांत करने के लिए रोज कोई न कोई तरकीब लगाता रहता क्योंकि भीख उसे मांगना नहीं आता था और चोरी जैसा गंदा काम वह करना नहीं चाहता था और बच्चा होने के कारण कोई उसे काम नहीं देना चाहता था।

 इसी तरह वह बच्चा समुद्र के किनारे घूम रहा था तभी उसकी नज़र रेत में बैठ कर खाना खाते एक परिवार पर पड़ी शायद वह परिवार छुट्टी का आनंद लेने के लिए समुद्र के किनारे आये थे जो खाने का आनंद लें रहे थे। तभी उनमें से एक की नजर उस बच्चे पर गई वह बोला क्या देख रहा है खाना खायेगा क्या। बच्चे ने दबी और धीमी आवाज में कहा हां। उस परिवार के एक व्यक्ति ने कहा तो ठीक है ये सारे बर्तन सामने से धोकर ला। बच्चा सारे बर्तन लेकर समुद्र के छिछले पानी की तरह चला गया और सारे बर्तन धोने लगा। इधर उस परिवार के बच्चे ने कहा क्या गजब का दिमाग है आपका पापा आखिर हम इस खाने को बाद में फेंकने ही वाले थे खाना भी फेंकने से बच गया और हमारा सारा काम उस लड़के ने कर दिया वाह पापा वाह मान गये।

इतने में वह बच्चा सारे बर्तन धोकर ले आया और कहने लगा ये रहे आपके बर्तन अब खाने को दो। इतने में एक बच्चे ने आवाज लगाई पापा पापा इसमें से एक चम्मच कम है। उस व्यक्ति गुस्से से भर गया और फ़ौरन एक तमाचा लगा दिया और कहने लगा चोर कहीं का चम्मच चोर बता चम्मच कहां चुराकर रखा है और ये तेरे गले में करता है और सोने का लाकेट कहां से चुराया है इसे। उस बच्चे ने रोते हुए कहा साहब ये मेरे मां की आखिर निशानी है मरते मरते उसने मुझे यह लाकेट पहनाया था यकीन करिये ये मेरा है।  इतने उस परिवार एक सदस्य ने कहा ओ पापा वैसे भी हम लेट हो रहे हैं और आप इस पर अपना टाइम खराब कर रहे हो चलो जल्दी छोड़ो उसे।

इतने कहने के बाद उन लोगों ने वह बचा खाना एक किनारे रेत में फेंक दिया और चल दिया। उस बच्चे का रो रोकर बुरा हाल था और आज की इस घटना के बाद वह अपनी मां को याद करता और अपनी किस्मत को कोसता और मन ही मन बड़बड़ाता मां तुम आखिर क्यों चली गई मुझे अकेले छोड़ के इस जालिम दुनिया में जाना था तो मुझे भी साथ ले जाती। उस परिवार की इस हरकत ने उस मासूम बच्चे की भूख पूरी तरह से खत्म कर दी वह सिर्फ उस रेत में खामोश पड़ा रहा उसके बाद उसे वहीं नींद आ गई नींद खुली तो देखा शाम हो चुकी है वह अब रेत से उठा अपने हाथ पांव में लगे रेत को साफ किया और फिर चल दिया अपने पेट की भूख मिटाने के लिए।

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