बड़े बुजुर्गों ने कहा है कि हमें गरम रोटी नहीं खानी चाहिए, ऐसा क्यों कहा था? जानिए
बड़े बुजुर्गों गर्म रोटी खाने से इस लिए मना किया क्योंकि जिस समय ये कहा गया उस समय की बात है, लोग बाजरा उबाल कर खाते थे, गेहूँ के आटे रोटी सर्वत्र उपलब्ध नहीं होती थी ,
जब भी घर में कोई अतिथि आता था ,उस समय घर में बच्चे भी जान जाते कि अब घर मे गेहूँ के आटे की रोटी बनेगी, और जब रोटी बनती तो बच्चे सबसे पहले खाने पहुँच जाते,बच्चों को समझाने के लिए कहा जाता कि गरम रोटी नहीं खानी चाहिए क्योंकि इससे दाँत हिलने लगेंगे और खराब हो जाएंगे।
बच्चे फिर भी नहीं मानते तो उन्हें डाट लगाई जाती कि पहले मेहमान को खाने दो क्योंकि सब जानते हैं कि ठंडी रोटी कम खाई जा सकती हैं,इससे गेहूँ के आटा कम खर्च हो इसलिए सारे लोग ठंडी रोटी ही खाते थे,ये अनुभव 101 बर्ष बर्ष के व्यक्ति का है, जो आज भी जीवित है।