बढ़ते वायु प्रदूषण का जकड़न में उत्तर प्रदेश, पश्चिम से लेकर पूरब तक हाल एक जैसा

ठंड की आहट के साथ ही हवा में नमी ने उत्तर प्रदेश के वायु प्रदूषण
में काफी बढ़ोतरी कर दी है। तेज हवा में बढ़ते धूल के कणों के साथ
ही कूड़ा व पराली जलाने के कारण समस्या दिन पर दिन बढ़ती जा
रही है। वायु प्रदूषण के कारण एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) का
बढ़ता स्तर भी बड़े खतरे का संकेत दे रहा है।

प्रदेश में गाजियाबाद के
साथ ही नोएडा, मुरादाबाद, वाराणसी,आगरा, मेरठ, मुजफ्फरनगर,
लखनऊ, कानपुर, तथा ग्रेटर नोएडा भी इसकी चपेट में हैं। इन सभी
शहरों का एक्यूआइ बेहद खराब स्थिति में है और आगे भी इसको
बढना ही है। कोरोना वायरस के संक्रमण में लॉकडाउन में जहां
लखनऊ का एक्यूआइ 32 था, अब वह बढ़कर 240 हो गया है।

प्रदेश
में जलता कूड़ा, शहर में ट्रैफिक जाम तथा निर्माण कार्य अब बेहद
घातक हो रहा है। हर जगह प्रशासनिक लापरवाही और निर्माण कार्यों
में मानकों की अनदेखी ने वायु की गुणवत्ता को सांस के मरीजों के
लिए खतरनाक बना दिया है।

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