बहु से बढ़कर साँस की पढ़े मजेदार कहानी

काव्या विदेश से एमबीए की पढ़ाई करके भारत में आती है और उसकी शादी उर्मिला के घर हो जाती है।उर्मिला को अपने बहु से अपेक्षा रहती है की वह उसके आगे बढे बिजनिस को और आगे लेकर जाए।

पर ऐसा नहीं होता और काव्या अपने साँस के बिजनिस में गलत तरीके बताती रहती है जिसके कारण साँस उर्मिला को नाराज हो जाती है।एक दिन साँस उर्मिला अपने बिजनिस वाले मीटिंग में बैठी रहती है तब काव्या वहा आकर सभीको बिजनिस के गलत तरीके बताने लग जाती है तब वहाँपर बैठे सभी लोग उठकर चले जाते है।

काव्या की सोच अब सभी को पता लग जाती है इस लिए अब वो काव्या पर ध्यान देना बंद कर देते है।एक दिन साँस किसी चेक पर अपनी दस्तखत करती रहती है तब अचानक वहाँपर बहु काव्या आती है और चेक के बारे में पूछती है।साँस कहती है की,’वह हर साल अपने बिजनिस से मिला कुछ फायदा गरीब बच्चों को बाट देती है’ तब बहु कहती ह,’अरे माजी गरीब बच्चों को पैसा बाटने से आपका बिजनिस कैसे आगे बढ़ेगा,अगर आपको अपना बिजनिस बढ़ाना है तो पूरा पैसा अपने बिजनिस पर खर्च करे’।ऐसे ही गलत तरीके काव्या सभी को बताती रहती है पर उसकी कोई भी नहीं सुनता।

एक दिन काव्या अपना खुद का बिजनिस डालने की सोचती है और अपनी माँ से कहती है की उसे बँक से लोन निकाल दे।लोन उठाकर काव्या अपने घर में कपड़े शिलाई का बिजनिस खोल देती है और संभालने लगती है।काव्या अपने बिजनिस में जादा फायदा पाने के लिए ग्राहकों से लूटमार चालु कर देती है तब उसकी साँस उसे बताती है की उसका बिजनिस करने का वह गलत तरीका है पर काव्या नहीं सुनती।कुछ दिनों बाद ग्राहक उसे बोहत जादा माल बनाने को कहते है और भाग जाते है।अब माल जादा बनाने के कारण काव्या का बोहत सारा पैसा खर्च हो जाता है पर माल कोई भी नहीं खरीदता तब काव्या रोने लगती है तब वह सोचती है की उसकी साँस उससे बढ़कर है।काव्या को रोता देख साँस हँसने लगती है तब काव्या बहु को समझ जाता है की बिजनिस चलाने के लिए अनुभव और अच्छे तरीके मालुम होना चाहिए।

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