बड़ी ख़बर : करीब 40 शहरों में लगा कर्फ्यू ,जानिए क्यों
अस्वेत अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉइड की बीच सड़क पुलिस हिसारत में मौत के बाद अमेरिका सुलग उठा है। हर एक देश को अपनी दर से कोरोना दर रही है। लेकिन अमेरिका के लोगों ने इसको भी नजर अंदाज कर दिया।
ऐसा क्या हुआ ?
हम सब जानते है कि सालों से जारी हो रही रंग भेद और निस्ल भेद के दबे गुस्से ने कोरोना को भी नजर अंदाज कर दिया। ऐसी परिस्थिति में भी वह के लोगों कि भावनाओं ने सड़क पर ला ही दिया।
जॉर्जिया के गवर्नर ने शनिवार को आपात स्थिति कि बारे में घोषणा दी है। अमेरिकन पुलिस ने इसी सिलसिले में 17 शहरों में करीब 1400 लोगों को गिरफ्तार किया है।इस मामले की वजह से अमेरिका में बहुत हलचल मच गई। इसकी वजह से बहुत नुकसान भी हो रही है।
डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को ट्वीट करते हुए बताया कि अगर नेशनल गार्ड का इस्तमाल दो दिन पहले किया होता तो इतना नुकसान नहीं होता।
देश भर करीब 12 शहरों में इस भयानक स्थिति कि वजह से पूरी रात भर कर्फ्यू रखा गया।
सोशल नेटवर्किंग साइट टि्वटर ने अश्वेतों कि समर्धन ने अपने कवर फ़ोटो को काला कर दिया। ट्विटर टोगेदर ने लिखा रंग भेद सामाजिक दूरी केलिए पत्थर नहीं बनना चाहिए।
तो चलिए जानते है कि आखिर ऐसा हुआ क्या:
अस्वेत जॉर्ज फ्लाइड को एक दुकान में नकली बिल का इस्तमाल करने कि संदेह में गिरफ्तार किया गया था।तो इस बात बहुत तेजी से फैलने की वजह से अमेरिका में फिर से रंग भेद को लेकर झगड़े शुरू हो गई।
फिलहाल कस्टडी में जॉर्ज कि मौत जॉच चल रही है।
चार आरोपी पुलिस वालों को नौकरी से हटा दिया गया है।वह के लोगों की ये मांग है उन पुलिस वालों पर हत्या का केस दर्ज करे और उन्हें सजा दी जाए।
डेमोक्रटिक पार्टी से राष्ट्रपति पथ के संभावित उम्मीद वार जोबेड़न ने प्रदर्शन के दौरान हो रही हिंसा को निंदा की है।उन्होंने ये कहा कि प्रदर्शन ऐसा होना चाहिए कि जिसकी वजह से उस उद्देश्य कि महत्व कम ना हो।
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