भगवान शिव के पिता का नाम क्या है ?

श्रीमद् देवी महापुराण के मुताबिक, भगवान शिव के पिता के लिए भी एक कथा है. देवी महापुराण के मुताबिक, एक बार जब नारदजी ने अपने पिता ब्रह्माजी से सवाल किया कि इस सृष्टि का निर्माण किसने किया? आपने, भगवान विष्णु ने या फिर भगवान शिव ने? आप तीनों को किसने जन्म दिया है यानी आपके तीनों के माता-पिता कौन हैं?

भगवान शिव के पिता – श्रीमद् देवी महापुराण के मुताबिक

तब ब्रह्मा जी ने नारदजी से त्रिदेवों के जन्म की गाथा का वर्णन करते हुए कहा कि देवी दुर्गा और शिव स्वरुप ब्रह्मा के योग से ब्रह्मा, विष्णु और महेश की उत्पत्ति हुई है. यानि प्रकृति स्वरुप दुर्गा ही माता हैं और ब्रह्म यानि काल-सदाशिव पिता हैं.

श्री शिव महापुराण के विध्वेश्वर संहिता खण्ड

एक बार श्री ब्रह्मा जी और श्री विष्णु जी का इस बात पर झगड़ा हो गया कि ब्रह्मा जी ने कहा मैं तेरा पिता हूँ क्योंकि यह सृष्टिी मुझसे उत्पन्न हुई है, मैं प्रजापिता हूँ. इस पर विष्णु जी ने कहा कि मैं तेरा पिता हूँ, तू मेरी नाभि कमल से उत्पन्न हुआ है.

श्री शिव महापुराण के विध्वेश्वर संहिता खण्ड

झगड़ा होने पर दोनों एक-दूसरे को मारने के लिए तत्पर हो गए. उसी समय सदाशिव यानी काल ब्रह्म ने उन दोनों के बीच में एक सफेद रंग का चमकता हुआ स्तंभ खड़ा कर दिया, फिर स्वयं शंकर के रूप में प्रकट होकर उनको बताया कि तुम कोई भी कर्ता नहीं हो.

सदाशिव ने बंद करवाया विष्णु जी और ब्रह्मा जी झगड़ा

सदाशिव ने विष्णु जी और ब्रह्मा जी के बीच आकर कहा, हे पुत्रों! मैंने तुमको जगत की उत्पत्ति और स्थिति रूपी दो कार्य दिए हैं, इसी प्रकार मैंने शंकर और रूद्र को दो कार्य संहार और तिरोगति दिए हैं, मुझे वेदों में ब्रह्म कहा है. मेरे पाँच मुख हैं, एक मुख से अकार (अ), दूसरे मुख से उकार (उ), तीसरे मुख से मुकार (म)…………

सदाशिव ने बंद करवाया विष्णु जी और ब्रह्मा जी झगड़ा

…………… , चौथे मुख से बिन्दु (.) तथा पाँचवे मुख से नाद (शब्द) प्रकट हुए हैं, उन्हीं पाँच अववयों से एकीभूत होकर एक अक्षर ओम् (ऊँ) बना है, यह मेरा मूल मन्त्र है.

ये हैं शिवजी के माता-पिता

उपरोक्त शिव महापुराण के प्रकरण से सिद्ध हुआ कि श्री शकंर जी की माता श्री दुर्गा देवी (अष्टंगी देवी) है तथा पिता सदाशिव अर्थात् “काल ब्रह्म” है.

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