भगवान शिव ने बताया – क्या होता है सबसे बड़ा गुण और सबसे बड़ा पाप

यूं तो भगवान शिव ने कई अवसरों पर माता पार्वती को मानव जीवन से जुड़े कई रहस्य बताए थे… और तो और भगवान शिव ने पार्वती माता को जो पाठ पढ़ाए… वह मानव जीवन, परिवार, और शादीशुदा जिंदगी के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं।

आपको जानकर हैरानी होगी कि भगवान शिव ने सिर्फ पार्वती माता को ही बताए थे 5 ऐसे चमत्कारिक राज… जिन्हें जान लेने से और समझ लेने से बदल सकती है आपकी जिंदगी…

बता दें कि शिव ना प्रकाश है और ना ही अंधकार… वह शून्य भी है और पदार्थ भी… वह समस्त ब्रहमाण्ड हैं… यही नहीं, वह शक्ति के स्त्रोत हैं… वह शक्ति का हिस्सा है और खुद ही शक्ति भी हैं… शिव पुराण की मानें तो शिव-शक्ति का संयोग ही परमात्मा है।

साथ ही शिव पुराण के अनुसार, पार्वती मां सती का ही अवतार मानी जाती हैं। राजा हिमावत और रानी मैना की पुत्री पार्वती बचपन से ही शिवभक्त थीं। मां पार्वती के जन्म पर नारद मुनि ने भविष्यवाणी की थी कि वह भगवान शिव से ही विवाह करेगी। बड़ी होने पर मां पार्वती की शिव के प्रति भक्ति बढ़ती ही चली गई। कई सालों की तपस्या और कई बाधाओं को पार करने के बाद शिव और पार्वती का विवाह हुआ।

क्या होता है सबसे बड़ा गुण और सबसे बड़ा पाप –
एक बार मां पार्वती ने भगवान शिव से यह प्रश्न कर डाला कि मानव का सबसे बड़ा गुण क्या है? मानव सबसे बड़ा पाप कौन सा करता है?
भगवान शिव ने इसका उत्तर एक संस्कृत श्लोक के द्वारा दिया –

नास्ति सत्यात् परो नानृतात् पातकं परम्।

अर्थ – दुनिया में मान-सम्मान कमाना और हमेशा सत्य वचन बोलना सबसे बड़ा गुण है।

आगे भगवान शिव ने पार्वती मां से यह भी कहा कि इस दुनिया में सबसे बड़ा पाप बेईमानी और धोखा करना है। धोखा इस दुनिया का सबसे बड़ा पाप माना जाता है, जो मानव करता है। मानव को अपनी जिंदगी में हमेशा ईमानदार रहना चाहिए।

भगवान शिव ने पार्वती मां को कहा कि मानव को परिश्रम करने के साथ खुद का मूल्यांकन करते रहना चाहिए… मानव को हमेशा अपने कृत्यों और व्यवहार पर खुद ही नजर रखनी चाहिए। किसी को भी ऐसे कामों में लिप्त नहीं होना चाहिए जो नैतिक रूप से गलत हो।

भगवान शिव ने किन 3 कामों को करने से किया मना –
भगवान शिव ने मां पार्वती को बताया कि किसी को भी वाणी से, कर्मों से और साथ ही विचार के माध्यम से पाप नहीं करने चाहिए।
इसका मतलब हुआ पापपूर्ण कर्म नहीं करने चाहिए और विचारों और वाणी में भी अशुद्धता नहीं होनी चाहिए। याद रखें कि मनुष्य वही काटता है जो वह बोता है… इसलिए हर किसी को अपने जीवन में कर्मों के प्रति विशेष सतर्क रहना चाहिए।

भगवान शिव ने बताया सफलता का एक खास मंत्र –
भगवान शिव के अनुसार मोह ही सभी समस्याओं की जड़ होती है। मोह-माया सफलता के रास्ते में बाधा उत्पन्न करती है और जब आप दुनिया की सभी तरह की मोह-मायाओं से मुक्त हो जाते हैं तो आपको अपनी जिंदगी में सफलता प्राप्त करने से कोई रोक नहीं हो सकता है।

मोह से बचने का क्या है उपाय, जानें यहां –
सभी तरह के माया जालों से बचने का केवल एक उपाय है कि मानव शरीर की क्षणभंगुरता को समझा जाए और अपने मस्तिष्क को उसी अनुसार ढाला जाए।

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