भरतीय जेलों में कैदियों को किस-किस प्रकार की यातनाऐं दी जाती हैं?

दुनिया मे मानवाधिकारों के प्रति जितनी भारतीय जनता सजग है और अनुकूल है उतनी शायद अन्य किसी भी देश में दिखाई नहीं देती. यही बात भारत में बंद भारत की जेलों में बंद भारतीय और विदेशी कैदियों पर भी लागू होती है. भारत की जेलों में इन कैदियों के साथ जितने अच्छे माननीय व्यवहार किए जाते हैं उतने शायद ही किसी विदेशी कारागृह में देखे जाते होंगे.

फुटनोट में दो लिंक दिए हुए हैं उन पर जाकर देखा जा सकता है कि भारतीय कैदियों के जीवनमान को सुधारने के लिए भारत सरकार द्वारा संचालित कारागृह प्रशासन किस तरह के नए-नए कार्यक्रमों को जेलों के अंदर चलाती करती रहती है.

इन बातों को जानकर यह प्रश्न कि ‘भारतीय जेलों में कैदियों को किस किस प्रकार की यातनाएं दी जाती है?’ एक गैरजरूरी और एक गैर जिम्मेदाराना प्रश्न आपको जान पड़ेगा

भारत की प्रत्येक जेल में क़ैदियों के खाने का प्रबंध उनके घर के खाने जैसा हो इस बात का पूरा ख्याल रखा जा रहा है. कैदियों को होने वाली बीमारी के लिए उन्हें जितनी शीघ्रता से दवापानी उपलब्ध कराई जाती है शायद ही अन्य किसी विदेश की धरती पर बसे जेल में दिखाई देती है.

कैदियों को अगर किसी विषय में शिक्षा प्राप्त करनी है,आगे की पढ़ाई करनी है तो उन्हें उसके लिए हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध करा दी जाती है.

भारत सरकार भारत के कारागृह में बंद क़ैदियों का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए योग और व्यायाम के वर्ग चलाती है. यूनाइटेड नेशन द्वारा इस बात का समय-समय पर निरीक्षण किया गया है और भारतीय कारागृहों के प्रति दुनिया के सभी देशों ने समय-समय पर अपनी प्रशंसा व्यक्त की है.

उदाहरण के लिए हम नवी मुंबई स्थित तलोजा जेल के बारे में जान सकते हैं. इस जेल में दीर्घकाल की शिक्षा पर आए हुए कैदियों को बिना किसी कांच के पर्दे या जाली के अपने घरवालों से मिलने की, उनके साथ समय बिताने की, उन्हें प्यार की झप्पी देने की सुविधा दी गई है. इस वजह से दीर्घकाल तक जिन्हें जेल में बंद रहना है ऐसे कैदियों का मानसिक स्वास्थ्य बना रहता है.

इसके साथ ही जब किसी भी कैदी की शिक्षा पूरी हो जाए और फिर जब उसे बाहर की दुनिया में कदम रखना हो तो वह अपने उदरनिर्वाह की व्यवस्था आसानी से कर सके इसलिए उसे उसके शिक्षा काल में ही अलग-अलग कौशल्य विकास के काम सिखाये जाते है. जिससे वह बाहर की दुनिया में जाते ही स्वाभिमान से अपना जीवन बिता सकता है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *