भारत में पहला देवता कौन है?
2500BC-1500BC मोहनजोदाड़ो का समय माना गया है।हालांकि अलग-अलग लेखको ने समय के सम्बन्ध में विभिन्न तथ्य प्रदान किए है।
मोहन जोदाड़ोकी खुदाई के दौरान पशुपति नाथ और देवी की प्रतिमा प्राप्त हुई थी।जिससे ये प्रमाण मिला की उस समय शिव व शक्ति की उपासना की जाती थी।
शास्त्रों में शिव को सृष्टिकाल के प्रारम्भ से माना जाता है।शिव पुराण के अनुसार ब्रह्ममा की उत्पति विष्णु भगवान की नाभि से हुई थी ।जब इन दोनो में कौन बड़ा की बहस हुई तो आर्द्रा नक्षत्र में एक प्रकाश स्तम्भ उत्पन्न हुआ। विष्णु देव और ब्रह्म देव दोनों ने ये बात तय की जो इस के अन्त तक पहुँचेगा वही बड़ा होगा। अतः ब्रह्म देव तो ऊपर की ओर विष्णु देव नीचे की ओर गए। काफी समय तक भी इस का कोई छोर न मिलने पर भी ब्रह्म देव ने केतकी के फूल से पूछा तो उस ने कहा की यही अंत है तो ब्रह्म देव केतकी के पुष्प को लेकर वापस कर वापस लौट आए और ब्रह्मम देव के पक्ष में झूठ बोला ।विष्णु देव के समक्ष कहा की मुझे अंत मिल गया तो विष्णु देव ने इसे स्वीकार कर लिया ।तभी शिव भगवान प्रकट हुई और ब्रह्म देव को दण्ड दिया व विष्णु देव को सृष्टि का पालन हार बनाया।केतकी के पुष्प तभी से शिव पूजा के लिए वर्जित है।