मछुआरों को ढूंढी 800 किलो की चिलशंकर प्रजाति की मछली जिसकी कीमत भी बहुत ज्यादा है

पश्चिम बंगाल को मछुआरों को करीब 800 किलो की एक चिल संकर प्रजाति की मछली मिली है इसका बाजार मूल्य करीब 20 लाख रुपए बताया जा रहा है। बताया जाता है कि यह मछली चिल शंकर प्रजाति की मछली है। मिदनापुर जिले के एक कस्बे में मछली को पकड़ा गया है। यह मछली एक उड़ते हुए जहाज की तरह लगती है। लोगों का कहना है कि यह एक बहुत ही दुर्लभ प्रजाति की मछली है।

इस मछली का रंग काला है इंडिया टुडे की अखबार के अनुसार यह मछली 27 जुलाई को पकड़ी गई। मछुआरों की एक समूह द्वारा मछली पकड़ने वाली मोटर वाली नाव के जरिए इसे पकड़ा गया। इस मछली को देखने के लिए काफी भीड़ लग गई। इसे उठाने में काफी परेशानी हुई क्योंकि इसका वजन बहुत ज्यादा था।

इसी बाजार में ले जाने के लिए काफी जद्दोजहद की गई। वैन और बड़ी रस्यीयों के जरिए इसे मछली बाजार पर ले जाया गया। जब इसकी बोली होलसेल मार्केट में लगाई गई तो यहां मछली 2100 रुपए प्रति किलो के भाव के साथ बिकी। इस हिसाब से इस मछली की कुल कीमत लगभग ₹20 लाख बैठी। एक मछुआरे ने बताया।

एक मछुआरे ने बताया, यह चिंलसंकर प्रजाति की मछली है जिसका वजन 800 किलो था। हमने अपने जीवन में इतनी बड़ी मछली पहले कभी नहीं देखी।

बताया जाता है कि इस मछली का मांस मानसून सीजन में काफी पसंद किया जाता है तथा इस मछली के शल्क और तेल का इस्तेमाल दवा बनाने में किया जाता है।

कोरोना के इस कठिन समय में इस मछली का मिलना मछुआरों के लिए एक लॉटरी लगने के जैसा रहा। क्योंकि काम धंधे ठप पड़े हैं मछुआरों की आय कम है या बंद ही समझे। साथ ही साथ तूफान के आने से भी मछुआरों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। इस मछली के मिलने से मछुआरों के चेहरों पर मुस्कान आ गई है।

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