मरे हुए पिता को भेजती थी मैसेज, एक दिन अचानक आया रिप्लाई
अमेरिका के अर्कांसस में रहने वाली एक महिला ने चार साल पहले अपने पिता को खो दिया था, लेकिन वह उसे याद करने के लिए हर दिन एक मोबाइल नंबर भेजती है। महिला चार साल से ऐसा कर रही थी, और फिर एक दिन, उसके पिता के मोबाइल नंबर पर अचानक एक जवाब मिला, जिसने उसे हैरान कर दिया। 24 अक्टूबर को, 23 वर्षीय पैटरसन के पिता की चौथी वर्षगांठ थी। हमेशा की तरह, उन्होंने उस दिन अपने मृतक पिता के मोबाइल नंबर को भी देखा। एक संदेश में उन्होंने लिखा, ‘हैलो डैडी, यह मैं हूं। कल फिर से बहुत मुश्किल होने वाला है।
परम पावन के पास अपने पिता के लिए एक लंबा संदेश है, जिसमें उन्होंने अपने स्नातक होने और कैंसर से उबरने का भी उल्लेख किया है। लेकिन हर बार की तरह, उन्होंने महसूस किया कि इस बार भी कोई जवाब नहीं था, और उनके संदेश को उनके मृत पिता की संख्या से पुनर्प्रकाशित किया गया, जो बहुत ही चौंकाने वाला और रोमांचक था।
पवित्रता के संदेश का उत्तर है, ‘हाय मधुर हृदय, मैं तुम्हारा पिता नहीं हूं, लेकिन पिछले चार वर्षों में तुम्हारे द्वारा भेजे गए सभी संदेश मेरे पास आए हैं। मेरा नाम ब्रैड है और मैंने अगस्त 2014 में एक कार दुर्घटना में अपनी बेटी को खो दिया। आपके द्वारा भेजे गए संदेश मुझे जीवित रखेंगे। जब भी आप कोई संदेश देते हैं, मुझे लगता है कि यह ईश्वर का भेजा हुआ संदेश है।
ब्रैड ने अपने जवाब में लिखा, ‘मैं कुछ वर्षों से आपके संदेशों को पढ़ रहा हूं। मैंने तुम्हें आगे बढ़ते देखा। मैं वर्षों पहले आपके संदेश का जवाब देना चाहता था, लेकिन मैं आपका दिल नहीं तोड़ना चाहता था। आप एक असाधारण महिला हैं और अगर आज मेरी बेटी होती तो मैं भी आपकी तरह ही होती। हर दिन अपडेट प्रदान करने के लिए धन्यवाद।
कुछ परिजनों की मौजूदगी में प्रशासन ने शव का अंतिम संस्कार करवा दिया। शाम को महिला की कोरोना जांच रिपोर्ट आई, जिसमें वो निगेटिव पाई गई। यह सब प्रशासन ने कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए किया, लेकिन वायरस के खौफ ने इस सुहागिन का अंतिम श्रृंगार भी छीन लिया। इधर, लक्ष्मणगढ़ प्रशासन को भी इसकी सूचना मिलने पर उनके हाथ-पांव फूल गए। उपखण्ड अधिकारी डॉ. कुलराज मीणा के निर्देश पर मेडिकल व उपखंड प्रशासन ने मिलकर उसके दाह संस्कार की तैयार कर ली थी।