महाअवतार बाबा कौन हैं और उनकी जीवनी क्या है?

महावतार बाबाजी के बारे में हमें आज जो भी पता है वह उनके शिष्यों द्वारा लिखित पुस्तकों के माध्यम से ही प्राप्त है।। उनके अनुसार महावतार बाबाजी हिमालय में रहने वाले 1 सिद्ध संत हैं और अपने पूर्व जन्म में वे श्री कृष्ण अवतार थे महावतार बाबाजी के बारे में कहा जाता है कि वह अजर अमर है और उन्होंने कई सदियों तक योग क्रिया करते हुए हिमालय के गुफाओं में अपना जीवन व्यतीत किया।।

उनके प्रमुख शिष्य लाहिड़ी महाशय ने उनका वर्णन अपने किताब में किया है कि महाअवतार बाबाजी देखने में मात्र 25 वर्ष के किसी नवयुवक की भांति हैं और उनकी आंखें सूर्य के समान चमकती हैं उनकी टोली हिमालय के निर्जन गुफाओं में वास करती है।। कुछ इसी प्रकार का वर्णन परमहंस योगानंद जी ने अपनी आत्मकथा योगी कथामृत में भी किया है।।

महावतार बाबा की जन्म की तिथि तो किसी को भी ज्ञात नहीं है पर उन्होंने जिस प्रकार अपनी शीशी लाहिड़ी महाशय को बताया उसके अनुसार उनका जन्म तमिलनाडु के एक ग्राम में 700 ईसा पूर्व के आसपास हुआ था और बचपन में उनका नाम नागराज थाउनका जीवन काफी कठिनाइयों से व्यतीत हुआ और एक बार उन्हें उनकी परिवार वालों द्वारा बेच दिया गया था।

जिससे व्यथित होकर महावतार बाबाजी ने अपना घर घर छोड़कर कलकत्ता भाग गए वहां पर उन्हें एक शिष्य मंडली मिली जिसने भी शामिल हो गए और उन्हें उसके बाद एक गुरु की प्राप्ति भी हुई जिन के सानिध्य में रहकर उन्होंने भगवत प्राप्ति का मार्ग को अपना लिया और इस प्रकार कालांतर में उन्होंने स्वयं को जानकर और अपने आप को परम ब्रह्म में विलीन करके हिमालय की गुफाओं में वास करने चले गए।।कहा जाता है कि महावतार बाबाजी आज भी जिंदा है और वह हिमालय के किसी अज्ञात गुफा में रहते हैं अपने शिष्यों के साथ।।

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