मृत्यु के बाद कहां जाती है आत्मा?

यह सच है कि आज नहीं तो कल हम सभी को मृत्यु का सामना करना ही पड़ेगा। किसकी मृत्यु कब हो जाए यह हम या आप कुछ नहीं बता सकते हैं। बता दें कि लोग जिसे मृत्यु कहते हैं वह तो बस शरीर का अंत माना जाता है, जो प्रकृति के पांच तत्व जैसे कि पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि और आकाश से मिलकर बना होता है। कोई भी मनुष्य अमर नहीं होता। ज़िंदगी मिली है तो अंत भी ज़रूर होगा और हमें अपना शरीर त्याग कर भगवान की शरण में जाना ही होता है।

मृत्यु का रहस्य –

क्या आपके मन में कभी यह सवाल आया है कि आखिर मौत हो जाने के बाद आत्मा शरीर को छोड़कर कहां चली जाती है। हालांकि यह बात आज तक कोई नहीं समझ पाया है। बता दें कि अगर एक बार आत्मा अपने शरीर को त्याग देती है ,तो फिर वापस उस शरीर में प्रदार्पित होना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। यही नहीं, मौत के बाद की दुनियां कैसी है, यह अभी तक एक बड़ा रहस्य ही बना हुआ है? वहीं, गीता के उपदेशों में भगवान श्री कृष्ण भी कहते हैं कि आत्मा अमर है… जिसका अंत कभी नहीं होता, वह सिर्फ शरीर को छोड़ देती है।

क्या कहता है गरूड़ पुराण –

बता दें कि गरूड़ पुराण, दरअसल मरने के बाद हमारी आत्मा के साथ होने वाले व्यवहार की पूरी जानकारी देता है, जिसके अनुसार जब आत्मा शरीर छोड़ देती है तो उसे एक नहीं बल्कि दो यमदूत लेने आते हैं। इंसान अपने मरने से पहले तक के जीवन में जो-जो कर्म करता है… उसे यमदूत उसके कर्म के अनुसार अपने साथ ले जाते हैं। ध्यान रहे कि अगर मरने वाला सज्जन है, पुण्यात्मा है तो उसके प्राण लेते समय उसे कोई दर्द या पीड़ा नहीं होगी… वहीं, अगर वह इंसान दुष्ट या पापी है तो उसे भयानक पीड़ा सहन करनी पड़ेगी। यही नहीं, गरूड़ पुराण में यह भी साफ बताया गया है कि मृत्यु के बाद आत्मा को यमदूत केवल 24 घंटों तक के लिए ही सिर्फ ले जाते हैं और इन्हीं 24 घंटों में आत्मा को दिखाया जाता है कि उसने अब तक अपनी ज़िदंगी में कितने पाप किये हैं और कितने पुण्य… वहीं, 24 घंटे बीत जाने पर आत्मा को फिर से उसी के घर में छोड़ दिया जाता है, जहां उसने अपने शरीर को त्याग दिया था। फिर इसके बाद 13 दिन के हर काम तक वह आत्मा वहीं विराजती है। इसी के साथ 13 दिन बीत जीने पर वह फिर से यमलोक की यात्रा करती है।

मृत्यु से पहले मिलते हैं ऐसे आभास –

• जब किसी इंसान का अंतिम समय आता है, तो वह व्यक्ति अपनी नाक की नोक देख नहीं पाता है। यह इशारा है कि जल्द ही उसकी मृत्यु होने वाली है। दरअसल ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि उसकी आंखें धीरे-धीरे ऊपर की ओर मुड़ने लग जाती हैं और और मृत्यु के समय आंखें पूरी तरह ऊपर की ओर मुड़ जाती है।

• वहीं, जब मौत पास होती है, तो इंसान को आसमान में मौजूद चांद खंडित दिखाई देने लग जाते हैं। ऐसा प्रतित होता है कि चांद बीच में से दो भागों में बंटा हुआ है, जबकि ऐसा कुछ नहीं होता है।

• यही नहीं, व्यक्ति को हर वक्त यही लगता है कि उसके सामने कोई अनजाना चेहरा बैठा हुआ है। बता दें कि मृत्यु का समय नजदीक आने पर व्यक्ति की परछाई भी उसका साथ छोड़ जाती है।

• जान लें कि जीवन का सफर जब पूरा होने लगता है, तो व्यक्ति को अपने मरे हुए पूर्वजों के साथ रहने का अहसास होने लगता है। साथ ही किसी साये का हर समय साथ रहने जैसा आभास व्यक्ति को अपनी मृत्यु के दो-तीन पहले ही होने लग जाता है।

• आपको जानकर शायद हैरानी होगी लेकिन यह सच है कि मृत्यु से पहले मानव शरीर में से एक अजीब सी गंध आने लग जाती है, जिसे मृत्यु गंध कहते हैं। ऐसे समय में आईने में व्यक्ति को अपना चेहरा नहीं दिखाई देता है। जब ऐसा होता है, तो समझ लें कि उस इंसान की मौत 24 घंटे के अंदर होने वाली है।

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