मेरी उम्र 30 साल है, मेरे पास दो लड़कियाँ हैं, और दोनों ऑपरेशंस हुई हैं, मेरे पास लड़का ना होने से भविष्य में किन तकलीफ़ों से गुजरना पड़ेगा?
सबसे बड़ी समस्या तो ये होगी कि दहेज नहीं मिलेगा। ऐसे में आपको फ्रिज, महंगी वाली टीवी, वाशिंग मशीन इत्यादि खुद खरीदना पड़ेगा। लड़का हो जाता तो मात्र पच्चीस साल की प्रतीक्षा में आपको ये सब सामान बिल्कुल मुफ्त मिल जाते।
बेटा रहता है तो समाज में चौड़ रहती है। लड़कियाँ तो क्या है जी कि अक्ल से थोड़ी पैदल होती हैं ना। तो बाइक कार चला नहीं पाएँगी। चलाएंगीं भी तो एक्सीडेंट कराने के चान्सेस ज्यादा हो जाएंगे। लड़का बढ़िया चला लेता है गाड़ी। रिश्तेदारों को स्टेशन छोड़ने जाने लगता है 15 साल की उमर से।
इस सवाल के लोगों ने कई सारे जवाब दिए हैं। सब के सब जवाब कह रहे हैं भाई कोई दिक्कत नहीं होगी। पर मुझे दिक्कत है। कोई नहीं चाहता कि उसकी बेटी हमेशा उसके साथ रहे। बेटा रहता है तो उम्मीद रहती है कि साथ तो रहेगा। बुढापे में लेकर तो घूमेगा। बेटी चली जाएगी ससुराल।
हम सब ने खुद ऐसा समाज बना लिया है कि बेटी घर पर न रहे। एक उमर के बाद हम सब यही सवाल पूछते हैं कि फलाँ लड़की की शादी नहीं हुई? अरे घर ही रहती है क्या? अब क्या होगा उसका?
हम सबने ऐसा समाज बना भी रखा है और हम ही ज्ञान देते हैं बेटे बेटी बराबर हैं। पर बराबर रखा ही कहाँ है हमने? कोई दमाद जमाई बन के रहता है तो हम चटखारे लेते रहते हैं कि देखो ससुर को लूटे जा रहा है। और अगर जमाई कमा रहा है तो ये कहेंगे कि देखो बेटी का पैसा खा रहा है।
चिंता होना तो जायज है न भाई?
कुल जमा बात ये है कि बेटी बेटा नहीं हो सकती है। न बेटा बेटी हो सकता है। आपकी चिंता मुझे समझ में आती है। जैसा समाज हमने बनाया है ऐसे में बेटी को बड़ा करना, बाहर पढ़ने भेजना काफी मुश्किल है। पर हैं तो वो आपकी ही सन्तान न?
जहाँ तक समस्या की बात है, बेटे भी नहीं रह पाते माँ बाप के साथ। शायद आप भी न रह पाते हैं। बेटियाँ ब्याह के जाती के जाती हैं अगर घर से दूर, तो लड़के भी तो चले ही जाते हैं न? एक दिन अचानक हम उनसे कहा देते हैं कि बेटा बाहर जाना है। पढाई के वास्ते या कभी नौकरी के वास्ते। वे फिर कभी लौटकर नहीं आते हैं घर। वहीं घर बसाते हैं नया।
उन सब लड़कों के भी माँ बाप होते हैं। जीते हैं जिंदगी अपनी पत्नी के साथ। तो बेटे से ज्यादा साथ आपकी अपनी पत्नी ही रहेगी। बेटे का प्यार बेटियों में और पत्नी में बाँट लीजिये। जीते रहिये खुशी से।