मोती किसे पहनना चाहिए और इसके क्या फ़ायदे हैं?
मोती सफ़ेद रंग लिए हुए एक सस्ता रत्न है यानी यह महँगा नही होता। लेकिन इसका मतलब यह नही है की यह कारगर नही होता।
वेदों मे जिस तरह से सूर्य को आत्मा कहा गया है वैसे ही चन्द्रमा को मन का कारक कहा गया है। चन्द्रमा मनसो जात: चन्द्रमा का रत्न मोती होता है जिसका सीधा असर व्यक्ति के मन पर पडता है । ग्रहो के रत्नो का मानव जीवन पर किसी ना किसी रूप में प्रभाव पडता ही है।
किन को मोती रत्न धारण करना चाहिए:
जिनकी कुण्डली मे चन्द्रमा अस्त हो और दिग्बल मे तो मोती धारण कर सकते हैं।
चन्द्रमा पाप प्रभाव मे होने पर भी शुभ भाव का स्वामी हो तो मोती धारण कर सकते हैं।
जिनका मन पढाई में ना लगता हो या जो शिक्षण कार्य करते हो वो भी इस रत्न को धारण कर सकते हैं।
मानसिक अवसाद,तनाव, मूत्राशय रोग,स्त्रीयो के मासिक धर्म मे दिक्कत, पागलपन ,शरीर मे खून की कमी हो तो मोती धारण कर सकते हैं।
जिनको घबराहट बेचैनी या चिड़चिड़ापन रहता हो बल्डप्रेशर या मृगी के रोग मे भी मोती धारण किया जा सकता है।
क्षीण चन्द्रमा हो अमावस्या का जन्म हो ऐसे जातक भी रत्न धारण कर सकते हैं।
मेष, कर्क, वृश्चिक, मीन लग्न वाले जातक भी मोती धारण कर सकते हैं।
चन्द्र राहु, चन्द्र केतु, शनि चन्द्र, या सूर्य चन्द्र कि युती हो तो कुण्डली कि स्थिती देखकर ही रत्न धारण कर सकते हैं।
मोती के साथ गोमेद, नीलम, पन्ना, लहसुनीया धारण ना करे।
चन्द्रमा नीच का होने पर भी यदि द्वितीय, चतुर्थ, पंचम, या नवम भाव मे हो तो भी रत्न धारण कर सकते हैं।
जो दुध डेयरी का व्यवसाय, विदेशो मे व्यापार या द्रव्य से जुडा कोई भी कार्य कर रहे या नौकरी कर रहे जातक भी मोती धारण कर सकते हैं।
छोटे बच्चों कि कुण्डली मे चन्द्र का अशुभ प्रभाव हो या बालारिष्ठ योग हो या बच्चे का बार बार स्वास्थ्य खराब होता हो तो भी कुण्डली मे चन्द्र कि स्थिती देखकर माता को या बच्चे रत्न धारण करवाना चाहिए।
जिन स्त्रियों के वैवाहिक जीवन मे दिक्कत हो वो नथ मे मोती डालकर पहन सकती है जिस से उनके वैवाहिक जीवन मे मधुरता बनी रहेगी।
चन्द्रमा षष्ठ, अष्टम, द्वादश, भाव मे हो तो कुण्डली दिखाकर ही नग धारण कर सकते हैं।
नींद ना आना , बेवजह भय कि स्थिती हो या जो मेडिकल क्षेत्र में हो वो भी मोती धारण किया जा सकता है।
ध्यान रहे मोती को चांदी मे ही धारण करें। चन्द्रमा अगर पाप प्रभाव मे हो या मारकेश हो तो चन्द्र ग्रह स्वयं पापी हो जाता है इसलिए कुण्डली कि स्थिती देखकर ही रत्न धारण करे।