This is the world's largest frog Click for more information

यह दुनिया का सबसे बड़ा मेंढक अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें

मेंढक एक ऐसा जीव है जो जल के साथ साथ जल के बाहर भी जीवित रह सकता है बारिश के मौसम में इन मेंढकों की चारों और भरमार होती है इस पृथ्वी पर मेंढकों की कई प्रजातियां पाई जाती है

Goliath frog भी इनमें से ही एक प्रजाति का मेंढक होता है लेकिन वजन और आकार में यह बाकी साधारण मेंढकों से पूरी तरह अलग होता है Goliath frog दुनिया का सबसे बड़ा मेंढक है यह मेंढक बहुत ही दुर्लभ प्रजाति का है तथा ये प्राय अफ्रीका के Cameroon तथा Republic of Equatorial Guinea के क्षेत्रों में पाए जाते हैं

इन मेंढकों की अधिकतम लंबाई 32 सेंटीमीटर ( 13 इंच ) तक तथा वजन 3.25 किलो तक हो सकता है इनकी आंखें काफी बड़ी होती है इनका व्यास 2.5 सेंटीमीटर तक हो सकता है इनके अंडे तथा उसमें से निकलने वाला बच्चा (मेंढक) साधारण मेंढक के आकार के ही होते हैं लेकिन बाद में इनके शरीर का विकास साधारण मेंढक की तुलना में अधिक होता है

यह मेंढक मुख्यत मध्य अफ्रीकन देशो जैसे Cameroon तथा Republic of Equatorial Guinea आदि देशों की नदियां के किनारे पर पाए जाते हैं ये नदियां बहुत ही साफ-सुथरी रहती है तथा इनमें ऑक्सीजन की मात्रा भी अधिक होती है ये मेंढक प्रजनन के बाद अंडे देने के लिए नदी के पास ही एक गड्ढा बनाते हैं

और उसी गड्ढे में ही अपने अंडे देते हैं इन अंडो का आकार 3.5 mm तक होता है तथा इनके द्वारा दिए गए अंडों की संख्या 100 से लेकर 1000 तक होती है इन अंडो के विकास में कुल 85 से 95 दिन का समय लगता है उसके बाद ये मेंढक अपने अंडो से बाहर आ जाते हैं तथा जब तक ये मेंडक अंडो में रहते हैं तब तक नर या मादा में से कोई एक मेंढक रात में इनकी रखवाली करते हैं हालाँकि इस बात के कोई ठोस सबूत नहीं है लेकिन कई जगहों पर ऐसा पाया गया है की प्रजनन के बाद नर मेंढक गड्ढा खोदकर घोसला बनाते है जबकि मादा मेंढक उस घोसले की तथा उसमे रखे हुए अंडो की रखवाली करती है।

अंडे से निकले हुए मेंढक के छोटे-छोटे बच्चे शाकाहारी होते हैं तथा वे एक विशेष प्रकार की जलीय वनस्पति dicraeia warmingii का सेवन करते हैं जो मुख्यतः नदियों के जल प्रपात तथा ढलान वाले स्थानों पर पाई जाती है

और पूरी तरह विकसित हो चुके बड़े मेंढक मकड़ी, कीड़े मकोड़े, छोटे मेंढक, छोटे कछुए, छोटे छोटे सांप, आदि खाते हैं एक शोध में Goliath frog के पेट में चमगादड़ भी पाया गया जिसका अर्थ यह है कि ये मेंढक चमगादड़ का शिकार भी करते हैं ये मेंढक जंगल में 15 सालों तक जीवित रह सकते हैं तथा चिड़ियाघर में ये 21 साल तक जीवित रह सकते हैं

अफ्रीकन देशो में इनका शिकार होता है तथा इनको पकड़कर पालतू बनाने के लिए लोगों को बेचा भी जाता है जिसकी वजह से इनकी संख्या में कमी होती है इस कारण Republic of Equatorial Guinea की सरकार ने यह आदेश जारी किया है की प्रतिवर्ष 300 से अधिक Goliath मेंढकों का निर्यात नहीं होगा |

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