ये तथ्य प्रमाणित करते है कि भूत/प्रेत होते हैं

आज हर कोई ये जानना चाहता हैं कि दुनिया में भूत/प्रेत होते हैं या नहीं। तो आज मैं तुम्हे कुछ तथ्यों के साथ बताऊंगा की भूत/होते हैं या नही। लेकिन सबसे पहले आप लोगो को ये जानना होगा की आत्मा और भूत/प्रेत में अंतर होता हैं। अकसर लोग आत्मा और भूत/प्रेत को एक समझ लेते हैं।

आत्मा और भूत/प्रेत में अंतर

आत्मा भूत बन सकती हैं लेकिन हर आत्मा नही होती। क्योंकि हर प्राणी की आत्मा होती हैं। और आत्मा शरीर से तब अलग हो जाती हैं जब व्यक्ति की मृत्यु हो जाती हैं। जब किसी व्यक्ति की मृत्यु समयानुसार होती हैं तो उस व्यक्ति की आत्मा एक निश्चित समय से बाद परमात्मा से जा मिल जाती हैं। और यह प्रक्रिया आत्मा की मुक्ति कहलाती हैं। वही दूसरी ओर जब किसी व्यक्ति की मृत्यु पूर्व निर्धारित समय से पहले होती हैं तो ऐसी आत्मा को मुक्ति पाने में कठिनाइयों का सामना करना पडता हैं जो कारण बनती हैं किसी आत्मा के भूत या प्रेत बनने का। इस प्रकार हम ये कह सकते हैं कि हर भूत/प्रेत आत्मा होती है पर हर आत्मा भूत या प्रेत आत्मा नही होती।

विज्ञान नहीं मानता

आज समाज में कुछ वर्ग ऐसे भी है जो आत्मा/भूत/प्रेत के अस्तित्व को नही मानते हैं। उनके अनुसार शरीर एक मशीन की तरह काम करता हैं और जब ये शरीर नाम का मशीन काम करना बंद कर देता हैं तब उस व्यक्ति की मृत्यु हो जाती हैं।

कुछ तथ्य जो प्रमाणित करते हैं कि इस संसार में भूत/प्रेत अस्तित्व में हैं।

अब कुछ लोग ये कहेंगे की जब भूत/प्रेत अगर होते है तो हमे दिखते। अगर किसी व्यक्ति या वस्तु को मानने का आधार उसका दिखना हैं तो फिर ईश्वर के अस्तित्व पर भी सवाल खड़े किये जा सकते हैं। देखो अब समझो इस संसार में सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रकार की शक्तियां पायी जाती हैं जिसका प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता हैं। इसे ऐसे समझो जब हम चीनी खाते है तो हमारे जीवन पर सकारात्मक प्रभाव ये है कि उससे हमे किसी कार्य को करने के शक्ति मिलती है और खाना स्वादिस्ट लगता हैं और दूसरी और चीनी का सेवन करने से मधुमेय जैसा भयानक रोक होता हैं। ऐसी ही हर चीजो के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव हम पे पड़ते हैं। उसी प्रकार ईश्वर के अस्तित्व होने के कारण हमारे जीवन में खुशियां, शांति और संतोष जैसे सकारात्मक चीजे हमारी जिंदगी में होती हैं। और भूत/प्रेत जो नाकात्मक प्रभावों के प्रतिनिधि हैं उन्ही की प्रभावों से हमारी जीवन में हमे दुख, पीड़ा, गरीबी जैसी नाकारत्मक प्रभावों का भी सामना करना पड़ता हैं क्योंकि दैवीय शक्तियों ने नाकारत्मक प्रभावों को हमारी जीवन में लाने का कार्य नाकारत्मक शक्तियों यानि की भूत/प्रेतों को दे रखा हैं। तो अब तो मान जाओ की भूत/प्रेत हैं।

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