रामायण में जब सीता माता को श्री राम वापस ले गए, तब त्रिजटा का क्या हुआ? जानिए
मान्यता है कि त्रिजटा लंका से सीता के साथ जब पुष्पक विमान से अयोध्या जा रही थी तो सीता ने उससे कहा कि अयोध्या में त्रिजटा को राक्षसी होने के कारण जाने की अनुमति नहीं मिलेगी।
इसके बाद सीता ने सुझाव दिया कि उसे वाराणसी चले जाना चाहिए, जहां उसको मोक्ष मिल जाएगा. फिर उसकी पूजा वहां एक देवी के रूप में की जाएगी।
रामायण के दूसरी संस्करणों में त्रिजटा के बारे में कहा गया है कि युद्ध के बाद राम और सीता ने त्रिजटा को मूल्यवान पुरस्कारों से सम्मानित किया था।