राष्ट्रीय महिला दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

भारत का राष्ट्रीय महिला दिवस 13 फरवरी को मनाया जाता है। इसी दिन प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी और कवयित्री सरोजिनी नायडू का जन्म हुआ था। सरोजिनी नायडू स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ ही स्त्रियों के अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाली प्रमुख कार्यकर्ता थीं। उन्हें ‘नाइटेंगल ऑफ इंडिया’ और ‘भारत कोकिला’ के रूप में भी जाना जाता है। सरोजिनी नायडू को देश की पहली महिला राज्यपाल होने का गौरव भी हासिल है।

सरोजिनी नायडू की 135वीं जयंती 13 फरवरी, 2014 को राष्ट्रीय महिला दिवस मनाए जाने की शुरुआत की गई। सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी, 1879 को हुआ था। उन्होंने 12 साल की उम्र से ही कविताएं लिखनी शुरू कर दी थीं। शिक्षा हासिल करने के दौरान ही वे राष्ट्रीय आंदोलन से जुड़ गईं और उसमें सक्रिय रूप से भाग लिया। महात्मा गांधी, जवाहल लाल नेहरू समेत तमाम बड़े नेता उनकी नेतृत्व क्षमता के कायल थे और उनका बहुत सम्मान करते थे। सरोजिनी नायडू ने औरतों को शिक्षा दिलाने और समाज में उन्हें सम्मानजनक स्थान दिलाने के लिए काफी संघर्ष किया।

सरोजिनी नायडू भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष बनने वाली पहली भारतीय महिला थीं। उन्हें साल 1925 में कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया। 1905 में जब बंगाल का विभाजन हुआ तो इसके विरोध में वे सक्रिय रूप से राजनीति में आ गईं और राष्ट्रीय आंदोलन में हिस्सा लेना शुरू किया।

1928 में जब देश में प्लेग फैला तो उन्होंने इस महामारी के दौरान रोगियों की सेवा के लिए दिन-रात एक कर दिया। इसके लिए ब्रिटिश सरकार ने उन्हें कैसर-ए-हिंद उपाधि से सम्मानित किया। देश की आजादी के बाद उन्हें संयुक्त प्रांत (अब उत्तर प्रदेश) का राज्यपाल बनाया गया। 2 मार्च, 1849 को उनका निधन हो गया।

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