रिक्शा चलाने वाला बन गया करोड़ों का मालिक, आप भी जानिये पूरी कहानी…
अपनी मेहनत और दूरदर्शिता के दम पर मोची का बेटा और एक रिक्शावाला कैसे बना करोड़पति, जानिये पूरी कहानी…
किसी रिक्शे की सवारी करने के दौरान आपके मन में कभी ये बात आई कि आप जिस रिक्शे पर बैठे हैं उसे चलाने वाला करोड़पति बन जाएगा.
मेरे ख्याल में आपने ये कभी नहीं सोचा होगा. ऐसे में आपकी सोच से परे एक रिक्शेवाले ने कुछ ऐसा कर दिखाया है जो आपके लिए प्रेरणा बन सकता है.
मेहनत और मजदूरी के दम पर रिक्शा चलाने वाले हरिकिशन पिप्पल ने सफलता की अनूठी मिसाल बनाई है.
दरअसल, आज करोड़ों के मालिक हरिकिशन पिप्पल का जन्म एक गरीब और दलित परिवार में हुआ था. पिता की जूता मरम्मत करने की दुकान थी. पर इससे घर का खर्च नहीं चल पाता था. यहां तक कि दो वक्त की रोटी नसीब हो जाए, ये बड़ी बात थी.
अपने घर के हालात को देखते हुए हरिकिशन पिप्पल मजदूरी करने लगे. लेकिन पढ़ाई नहीं छोड़ी. दिन में काम करते थे और रात में मन लगाकर पढ़ाई.
लेकिन हरिकिशन जैसे ही 10वीं में पहुंचे उनके पिता की तबियत खराब हो गई. घर की हालात और भी खराब हो गई. घर का खर्च और पिता की दवाओं का बोझ बढ़ गया. ऐसे में परिवार वालों को बिना बताए हरिकिशन ने अपने किसी रिश्तेदार से उधार में साइकिल रिक्शा मांगी और चलाने लगे. कोई पहचान न ले, इसलिए चेहरे पर कपड़ा बांध लेते.
फिर एक दिन हरिकिशन को एक फैक्ट्री में 80 रुपये की तनख्वाह वाली नौकरी मिल गई. उनकी पत्नी की सलाह पर हरिकिशन ने कुछ समय बाद बैंक से 15 हजार रुपये कर्ज लेकर अपनी पुरानी दुकान को ही दोबारा शुरू कर दिया.
हालांकि पारिवारिक विवाद के कारण हरिकिशन और उनके परिवार को घर छोड़ना पड़ा. लेकिन उन्होंने अपने सपने का दामन नहीं छोड़ा.
फिर एक दिन हरिकिशन की जिंदगी में टर्निंग प्वॉइंट आया और उन्हें स्टेट ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन से 10 हजार जोड़ी जूता बनाने का ऑडर मिला. इसके बाद हरिकिशन ने पीछे पलटकर कभी नहीं देखा.
हरिकिशन के पास इसके बाद बाटा से भी ऑर्डर आने लगा और इसी बीच उन्होंने पीपल्स एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी लॉन्च की, जिसमें वो अंतरराष्ट्रीय ब्रांड के लिए जूते तैयार करने लगे.
हरिकिशन यहीं नहीं रुके. उन्होंने रेस्टोरेंट खोला और शादार शादीखाना भी बनाया. हेल्थकेयर सेक्टर में उन्होंने साल 2001 में हैरिटेज पीपुल्स हॉस्पिटल की स्थापना की. इसके अलावा उन्होंने वाहन डीलरशिप और पब्लिकेशन फर्म में भी अपनी पैठ जमाई.
अपनी मेहनत और दूरदर्शिता के आधार पर हरिकिशन ने कामयाबी का परचम लहराया. इनकी कंपनी का टर्नओवर 100 करोड़ से ज्यादा है.