रेलगाड़ी मुड़ते समय उसका एक तरफ का पहिया क्यों उठ जाता है? जानिए
मुड़ते समय रेलगाड़ियाँ अंदर की तरफ , यानि कि जिस तरफ वो मुड़ रही है, उस तरफ थोड़ी झुक जाती है। क्योंकि घुमाव पर बाहर वाली रेल की ऊंचाई अधिक रखी जाती है, फलस्वरूप घुमावों पर से गुजरते हुए बाहर की तरफ के पहिए ज्यादा ऊंचाई पर रहने के कारण रेलगाड़ी अंदर की तरफ झुक जाती है।
ज्यादा गति पर इस स्थिति के बारे में कुछ ज्यादा पता नहीं चलता, लेकिन वहीं यदि मुड़ते समय रेलगाड़ी की गति कम है, या फिर ये उस जगह पर खड़ी हो जाती है, तो आपको इस बात का पूरा- पूरा आभास होगा की आपका डिब्बा एक तरफ को ज्यादा झुका हुआ है।
ऐसा क्यों होता है? आइये इस जवाब में ये जानने की कोशिश करते हैं।
रेलवे ट्रैक के घुमाव पर ऐसी बनावट, जिसमें बाहर वाली रेल अंदर की रेल से थोड़ी ज्यादा ऊंची रखी जाती है, को रेलवे ट्रैक का कैंट (cant) कहा जाता है।
“रेलवे ट्रैक का कैंट ( cant या झुकाव) या सड़क का केम्बर (camber या वक्रता) (इसे सुपरएलिवेशन, क्रॉस ढलान या क्रॉस फॉल के रूप में भी जाना जाता है) दो रेलों या सड़क के किनारों के बीच ऊँचाई में परिवर्तन की दर है।”
यह सामान्य तौर पर रेलवे या सड़क के घुमावदार वाले हिस्से में बनाई जाती है।
बाहरी रेल या सड़क के बाहरी किनारे को ऊपर उठाने से मोड़ एक ढलान में परिवर्तित हो जाता है, जिससे वाहनों का घुमाव पर सीधे ट्रैक या सड़क के समान अधिक गति से गुजरना संभव हो पाता है।
रेलवे ट्रैक पर, केंट एक ट्रेन को घुमाव पर अधिक गति से चलने में मदद करता है। कैंट के कारण या तो पहिए का फ्लैंज रेल को छूता ही नहीं या फिर अंदरूनी पहिए का फ्लैंज रेल को छूकर चलने से घर्षण एवं घिसाव को कम करने और रोकने में भी मदद मिलती है।
कैन्ट के मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं~
दोनों रेलों पर समान भार वितरण में मदद करना।
पटरियों और पहियों के घिसाव को कम करना।
पार्श्व बलों (lateral forces) के प्रभाव को बेअसर करना।
यात्रियों को आरामदायक स्थिति में रखना।