लक्ष्मी कमल और विष्णु कमल किस प्रकार के फूल हैं? लोग क्यों इन्हें महंगे दामों पर भी खरीदना चाहते हैं?

लक्ष्मीकमल और विष्णुकमल (Sempervivum tectorum) (Family: Crassulaceae) ठंडे पर्वतीय क्षेत्रों में उगने वाले सकुलेन्ट पौधे हैं। सेम्परवाइरम (Sempervivum) जीनस के अंदर करीब 40 स्पेसीज पाई जाती हैं। ये खूबसूरत, सदाबहार तथा बहुवर्षीय होते हैं। कठिन परिस्थितियों (पानी की कमी, अत्यधिक ठंड, पाला, पथरीली मिट्टी आदि) को झेल सकने के कारण ये पौधे “रॉक गार्डन” के लिए उपयुक्त होते हैं।

गुण और मिलने के स्थान : Sempervivum लैटिन के दो शब्दों से मिलकर बना है। सेम्पर (semper) माने “हमेशा” और वाइरम (vivum) याने “जीवित रहने वाला”। दोनो शब्दो को मिलाकर अर्थ निकलता है “अमर” यानी कभी न मरने वाला। इन पौधों की उत्पत्ति का स्थान योरोप की बाल्कान पर्वतमाला को माना जाता है। आज ये आल्प्स, मोरक्को, ईरान, टर्की, भारत, अमेरिका आदि के पर्वतीय स्थानों में प्राकृतिक रूप से पाये जाते हैं।

रंग रूप: सेम्परवाइरम जैसे शानदार पौधों को उगाना एक बेहतरीन शौक है। प्रकृति में ये विभिन्न रूपों, रंगों और मनमोहक वैरिएशन में होते हैं। कमल के आकार के ये पौधे अपनी मोटी व चमकीली पत्तियों के कारण बड़े आकर्षक लगते हैं। इन पौधों में पत्तियों में पानी स्टोर करने की क्षमता होती है।आसान इंटरब्रीडिंग तकनीक द्वारा इनकी नई नस्लें भी बनाई जा सकती है।

इन पौधों में कुछ विशेष परिस्थितियों में फूल आते है, जो कीटों द्वारा परागित हो बीज बनाते हैं। इन्ही बीजों को उगाकर नये पौधे बनाये जाते हैं। इन पौधों का वेजेटेटिव प्रोपोगेसन भी सम्भव है। सेम्परवाइरम के फूल स्टार के आकार वाले, 6 से अधिक पंखुड़ियों वाले तथा लाल, गुलाबी, पीले या सफेद रंग के होते हैं।

पौधों की आवश्यकतायें: इन पौधों को पानी के अच्छी निकास वाली पथरीली जमीन (well drained rocky soil), लंबे समय तक ठंडा तापमान व खुली धूप चाहिये। ये ऐसी खराब मिट्टी में भी अच्छी तरह चलते है जिसमे अन्य पौधे नही चल पाते। मिट्टी का पीएच 6.6 से 7.5 तक ठीक रहता है। पहाडों के ढलान वाले स्थान जहाँ अच्छी धूप मिलती हो, इनके लिए उत्तम होती है।

इस जीनस की कुछ प्रजातियों सहारा के मरुस्थली क्षेत्र में भी पाई जाती हैं।आजकल लोग इन पौधों को घर आंगन की बगिया में भी सजा रहे हैं।

वेल्स के लोंगो की मान्यता है कि इन पौधों को घरों की छत पर रखने से अच्छी सेहत व संपत्ति सुख मिलती है। भारत में भी इन्हें पूजनीय, सुख-संपदा तथा सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। दीपावली पर लक्ष्मी पूजन पर इनका विशेष महत्व होता हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *