लखनऊ का ये श्मशान घाट पड़ गया छोटा, लाशे जमीन पर जलाई गई, अंतिम संस्कार की लकड़ी भी खत्म
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का बैकुंठ धाम में आमतौर पर
एक दिन में 8 से 10 लोगों का अंतिम संस्कार होता है। लेकिन
कोरोना की इस दूसरी लहर में ये घाट भी छोटा पड़ गया है।
गौर
करने वाली बात ये है कि इन शवों में कोई भी कोरोना से नहीं मरा
है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर लखनऊ के शमशान में
अंतिम संस्कार के लिए इतने शव पहुंचने की क्या वजह है। यहां
पर लाशों को रखने के सारे चबूतरे पहले से ही भरे है।
लाशे जमीन
पर जलाई जा रही हैं। यहां तक कि लाशों के अंतिम संस्कार के
लिए घंटो इंतज़ार करना पड़ रहा है। अंतिम संस्कार की लकड़ी
खत्म होने का दावा किया जा रहा है।