विधानसभा सचिवालय में बेधड़क आता-जाता जय बाजपेयी

कानपुर- दुर्दात अपराधी विकास दुबे के खजांची जय बाजपेयी के हाथ भी कुछ कम लंबे नहीं रहे हैं। उसकी सियासी पहुंच और पकड़
का अंदाजा इसी से लगाइये कि पुलिस ने जिन तीन गाड़ियों को कब्जे में लिया था, उनमें से एक में विधायक के नाम से जारी होने वाला पास
चस्पा है। इससे जय विधानसभा सचिवालय में बेधड़क आता-जाता था।

कहीं कोई पूछताछ भी न होती थी। बताते हैं कि शहर के दो विधायकों से जय बाजपेयी के करीबी रिश्ते रहे हैं। ये कौन विधायक हैं, जिसने एक हिस्ट्रीशीटर के खजांची को अपने नाम से कार का पास बनवा दिया?कानपुर में दो जुलाई की रात नक्सलियों के अंदाज में गोलियां बरसाकर आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाले दुर्दीत विकास दुबे को मदद पहुंचाने में उसका खजांची जय बाजपेयी जेल में है और तमाम किस्से बाहर।

काकादेव पुलिस ने पांच जुलाई की सुबह उसकी तीन कारें विजय नगर चौराहे पर लावारिस हाल में खड़ी पाई थीं। सबकी नंबर प्लेट गायब थी। एसटीएफ और पुलिस टीम से जय बाजपेयी ने बताया था कि तीनों कारें उसी की हैं, लेकिन परिचितों के नाम पर फाइनेंस कराई हुई हैं।

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