शादी करने के बाद औरत इतनी सख्त क्यों हो जाती है? जानिए
शादी से पहले लड़की को घर वाले टोकते रहते हैं कि ठीक से व्यवहार करो, धीरे बोलो सलीके से रहो, कल को पराए घर जाना है। इसी डर से लड़की बहुत विनम्र व्यवहार करती रहती है। जब रिश्तेदार ऐसी सुशील लड़की को देखते हैं तो उसके लिए किसी अच्छे घर में रिश्ते कि बात चलाते हैं और लड़की कि सिफारिश करते हैं।
अब शादी के बाद लड़की खुलकर मैदान में आ जाती है। शुरू के 1–2 साल सबका लिहाज करती है। यानी सब की क्षमता देखती है। फिर किसी धाकड़ बल्लेबाज की तरह चौके छक्के उड़ाने लगती है। सास, ससुर, देवर किसी कि नहीं सुनती है। ननद से तो 36 का आंकड़ा रहता ही है। कुछ समय बाद पति का भी लिहाज करना बंद कर देती है। सोचती है कि अगर ज्यादा नाराज होंगे तो रात को मना लूंगी।
फिर शादी के कुछ साल बाद यह ऐसे बल्लेबाज में बदल जाती है जो हर गैंद को बाउंड्री पर पहुंचाता है। आखिर में बॉलर, फील्डर सभी हार कर बैठ जाते हैं और आख़िर में यह बल्लेबाज ( पत्नी रूपी ) खुद ही बोलिंग करता है, खुद ही बैटिंग और खुद ही फिल्डिंग।
एक बात याद आ गई। मेरे एक मित्र हैं। उनकी पत्नी कुछ इसी प्रकार की है। घर में मियां बीवी और मां है। मां अपना खाना खुद बनातीं है क्योंकि मित्रवर की पत्नी उनको खाना नहीं देती है। मित्रवर की सारी सैलरी खुद ले लेती है और केवल खर्च लायक ही पैसे देती है।
एक दिन मेरे मित्र का फोन आया और बोला कि अगर मेरी पत्नी पूछे तो कह देना कि तुमने मुझे एक हजार रुपए उधार दिए हैं। थोड़ी देर बाद उसकी पत्नी का फोन मेरे पास आया और वह कहने लगी कि, “भाईया यह आप से कल एक हजार रुपए लाए हैं।” मैंने कहा, हां, कल मुझसे यह एक हजार रुपए ले गया था। अपने मित्र के कहने पर मुझे झुठ बोलना पड़ा। लेकिन मित्र की पत्नी के अगले सवाल ने मेरे दिमाग को हिला दिया। मित्र की पत्नी,” भाईया,” आप ने इन्हें पांच सौ के नोट दिये थे या सौ- सौ के”। अब मैं क्या बोलता, पैसे तो मैंने दिए नहीं थे। फिर भी मैंने तुक्का मारा और कहा कि मैंने पांच पांच सौ के दो नोट दिए थे। वह बोली,” भैया आप अपने दोस्त के लिए झुठ बोल रहे हैं, इन के पास पैसे तो है लेकिन सौ- सौ के नोट है। मैंने कहा कि कहीं तुड लिए होंगे और अपना पीछा छुड़ाया। और सोचा भगवान बचाए ऐसी स्त्री से।