सकट चौथ व्रत महिलाएं क्यों रखती है ,जानिए वजह

संकट चतुर्थी का व्रत महिलाएं अपने पुत्र के लिए रखती हैं। पुत्र के मंगलमय जीवन और दीर्घायु की कामना ही इस व्रत के मूल में है। गणेश जी की पूजा की जाती है। तिल गुड़, शकरकंद, गन्ना और फलों के साथ चंद्रोदय के समय व्रत का अर्ध्यदान दिया जाता है। व्रत खोलने तक जलग्रहण भी नहीं किया जाता है।

माघ के महीने में जल ग्रहण न करना उतनी समस्या नहीं करता क्योंकि मौसम बहुत ठंडा रहता है। पोराणिक कथाओं के अनुसार शिव जी ने एक बार क्रोधित होकर गणेश जी का सिर काट दिया था। पार्वतीजी ने कठिन तपस्या कर शिव जी को विवश कर दिया कि वो गणेश जी को पुनर्जीवन दें।

शिव जी ने गणेश जी के सिर की जगह एक हाथी के शावक का सिर लगा दिया था। यह व्रत पार्वती जी की उसी कठोर तपस्या के आधार पर है। पुत्रों के लम्बे जीवन की कामना वाला महिलाओं का यह व्रत कठिन व्रतों में से एक है क्योंकि महिलाओं का काम तो हमेशा चलता ही रहता है और पानी भी नहीं पिया जा सकता इस व्रत में।

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