“स्वाहा” के बिना हवन पूरा नहीं होता है, जानिए क्या है इसका महत्व
हर धार्मिक अनुष्ठान के अंत में हवन जरूर किया जाता है। यदि आप हवन और यज्ञ से परिचित हैं, तो आपको यह भी पता होना चाहिए कि यज्ञ में आहुति देते समय स्वाहा कहा जाता है।
हवन के दौरान स्वाहा क्यों बोला जाता है, जानिए इसका महत्व।
यज्ञों के घर में यज्ञ करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है। ज्योतिष के अनुसार, हवन के आह्वान को स्वाहा कहे बिना पूर्ण नहीं माना जाता है।
हर धार्मिक अनुष्ठान के अंत में हवन जरूर किया जाता है। यदि आप हवन और यज्ञ से परिचित हैं, तो आपको यह भी पता होना चाहिए कि यज्ञ में आहुति देते समय स्वाहा कहा जाता है। घर में यज्ञ करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है। कहा जाता है कि स्वाहा अग्नि देव की पत्नी है, जिसके कारण हवन में आहुति देते समय स्वाहा मंत्र का जाप किया जाता है। यज्ञ और हवन का हिंदुओं के लिए बहुत महत्व है। ज्योतिष के अनुसार, हवन के आह्वान को स्वाहा कहे बिना पूर्ण नहीं माना जाता है।
स्वाहा क्यों बोली जाती है
पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान, जयपुर के निदेशक ज्योतिष और कुंडली विश्लेषक, अनीश व्यास ने कहा कि जब तक ग्रहण देवता का प्रदर्शन नहीं किया जाता है, तब तक कोई भी यज्ञ सफल नहीं माना जा सकता है। देवता हवन को तभी स्वीकार करते हैं जब हवन सामग्री अग्नि द्वारा स्वाहा के माध्यम से अर्पित की जाती है। जिस पर आज हम आपको कहानी सुनाने जा रहे हैं। पौराणिक कथा के अनुसार स्वाहा दक्ष प्रजापति की पुत्री थी। जिनका विवाह अग्निदेवता से हुआ था। अग्निदेव अपनी पत्नी स्वाहा के माध्यम से हविषा को प्राप्त करते हैं, और उनके द्वारा आहूत उसी देवता को प्राप्त होते हैं।
स्वाहा को वरदान मिला हुआ था
इसके साथ ही एक और कहानी यह है कि अग्निदेव की पत्नी स्वाहा के तीन बेटे थे जिनका नाम पावक, पावमान और शुचि था। बता दें कि भगवान कृष्ण ने स्वाहा को वरदान दिया था कि उनके नाम पर देवताओं को हविषा प्राप्त हो सकेगी। इसलिए हवन के समय स्वाहा मंत्र का पाठ किया जाता है।
हर धार्मिक अनुष्ठान के अंत में हवन जरूर किया जाता है। यदि आप हवन और यज्ञ से परिचित हैं, तो आपको यह भी पता होना चाहिए कि यज्ञ में आहुति देते समय स्वाहा कहा जाता है। घर में यज्ञ करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है। कहा जाता है कि स्वाहा अग्नि देव की पत्नी है, जिसके कारण हवन में आहुति देते समय स्वाहा मंत्र का जाप किया जाता है। यज्ञ और हवन का हिंदुओं के लिए बहुत महत्व है। ज्योतिष के अनुसार, हवन के आह्वान को स्वाहा कहे बिना पूर्ण नहीं माना जाता है।