हजारों रुपये की दवा जो काम नहीं कर सकती, वह कर दिखाता है कच्चा केला

कच्चे केले के फूलतना और पत्तियों का प्रयोग कई तरीके से किया जाता है। दक्षिण भारत में मेहमानों को केले की पत्ती पर खाना परोसने का रिवाज है। केले का पेड़ शुभ माना जाता है एवं त्यौहारों और धार्मिक उत्सवों के दौरान इसका प्रयोग किया जाता है। केले के पौधे का तना और फूल भी खाने योग्य होते हैं और इनसे कई तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको कच्चे केले के उन फायदों के बारे में बताएंगे जिनके आगे पके केले भी फीके पड़ जाते हैं।

कच्चे केले के लाभ –

कम कार्बोहाइड्रेट इस्तेमाल करने वाला व्यक्ति चीनी की उच्च मात्रा होने के कारण केला खाने से परहेज करता है। लेकिन संतुलित मात्रा में कच्चे केले का इस्तेमाल लाभकारी होता है। केवल इतना हीं नहीं कच्चे केले का काढ़ा गुर्दे संबंधी बीमारियों को दूर करने में सहायक होता है । इसके अलावा कच्चे केले की जड़ों का पाऊडर आंत गति की बीमारी में भी लाभदायक होता है। इसका चोखा पाचन ठीक करने के लिए भी उत्तम माना जाता है।

कच्चा केला विटामिन और खनिज का उच्च स्रोत है। जरा पकाया हुआ एक कप कच्चा केला रोजाना विटामिन ए और सी की 30 प्रतिशत जरूरत को पूरी करता है। इसके साथ हीं रस के साथ पाऊडर लेने से पेट के कृमि संबंधी विकार भी दूर होते हैं। कच्चे केले में के शून्य प्रतिशत कोलेस्ट्रोल होता है। इसे तलने की बजाय तेल की कुछ मात्रा के साथ उसे काटना चाहिए।

कच्चे केले का रस खून की उल्टी, दस्त और बवासीर आदि के लिए रामबाण माना जाता है। एक गिलास पानी में कच्चे केले के रस को मिलाकर उबालने के बाद 20 मिनट तक ठंडा होने दें। आधा कप उस अर्क का दिन में 3 से 4 बार सेवन करने से लाभ मिलता है। इस मिश्रण में नींबू का रस मिलाकर सेवन करने से मूत्र संबंधी विकार दूर होते हैं।

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