हाथ में जल लेकर ही संकल्प क्यों किया जाता है जाने इसके पीछे का अनोखा रहस्य

नंबर 1 संकलन क्या है

किसी कार्य के लिए शपथ ग्रहण करना दृढ़ प्रतिज्ञा होना ही संकल्प कहलाता है पूर्व काल में बामन भगवान जब असुर राज बलि के पास वाचक बनकर गए तब उन्होंने सर्वप्रथम राजा बलि से संकल्प उठाने के लिए कहा राजा बलि के संकल्प करने के उपरांत बामन भगवान में 3 इंच भूमि की याचना की आत्मा विश्वास और विनम्रता पूर्वक शुभ कार्य करने को प्रेरित अनुष्ठान का नाम ही संकल्प कहलाता है

नंबर 2 हाथ में जल लेकर ही संकल्प क्यों किया जाता है

जल लेकर संकल्प करने का तात्पर्य है कि किसी कार्य के लिए मैं संकल्प कर रहा हूं यदि वह कार ना करूं तो मुझे जल पीने को ना मिले वेद एवं शास्त्रों के अनुसार जल के स्वामी ब्रह्मदेव हैं प्रतिज्ञा पालन ना करने वाले को वरुण देव कठोर सजा एवं दंड देते हैं जल के बिना प्राणी का जीवित रहना असंभव है प्राण है और उसी को हाथ में लेकर लेकर संकल्प करना पूर्ण वचनबद्धता होती है

हाथ में जल लेकर संकल्प करने का अर्थ साफ साफ यह है कि हम जिस कार्य को करने के लिए संकल्प लेने हैं वह कार्य समय के अनुसार तथा सही से हमें करना ही होगा अगर वह कारी हम नहीं करेंगे तो हमें सजा भी भुगतनी होगी।

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