1 अप्रैल को April Fool’s Day (मूर्ख दिवस) के रूप में क्यों मनाया जाता है? जानिए

भारत और दुनिया भर में 1 अप्रैल को अप्रैल फूल डे के रूप में मनाया जाता है। अप्रैल फूल डे यानी मूर्ख दिवस। इस दिन पर लोग अपने परिजनों को बेवकूफ बनाते हैं और फिर उन पर हंसते हैं। प्रत्येक व्यक्ति का मूर्ख दिवस मनाने का तरीका अलग होता है। फ्रांस, इटली, और बेल्जियम जैसे देशों में लोगों के पीठ पर कागज की मछली चिपकाने का रिवाज है। मान्यता यह है कि इस दिन पर मजाक करने पर आप पर कोई गुस्सा नहीं होता।

अप्रैल फूल मनाने के पीछे कोई ठोस कारण नहीं है यह एक रहस्य माना गया है। मगर दुनिया भर में अलग-अलग कहानियां प्रचलित की गई है। जाने दो सबसे प्रसिद्ध कहानी।

पहली कहानी

इतिहासकारों के मुताबिक अप्रैल फूल डे आज से तकरीबन 438 साल पहले मनाया गया था। यह सन 1582 की बात है जब फ्रांस ने जूलियन कैलेंडर को छोड़कर ग्रेगोरियन कैलेंडर को अपनाया था। जूलियन कैलेंडर के साल की शुरुआत 1 अप्रैल से होती है जबकि ग्रेगोरियन यानी अंग्रेजी कैलेंडर के साल की शुरुआत 1 जनवरी को होती है। जब ग्रेगोरियन कैलेंडर को अपनाया गया तो कई लोग बदलाव को समझ नहीं पाए। वह 1 अप्रैल को ही नया साल मानने लगे थे। जहां हम लोग 31 दिसंबर को खुशियां मनाने लगते हैं वही फ्रांस के लोग 31 मार्च को खुशियां मनाते हैं जो 1 अप्रैल तक चलता था। जब धीरे-धीरे लोगों को बात समझ में आ गई तो यह मजाक का पात्र बन गया था इसलिए तब से अप्रैल फूल बनाया जाता है।

दूसरा कहानी

कुछ इतिहासकारों के अनुसार अप्रैल फूल डे को वसंत विषुव से जोड़ कर भी देखा जाता है । 1 अप्रैल बसंत का पहला दिन माना जाता है खासकर उत्तरी गोलार्ध में। प्राचीन कहानियां यह बताती है कि मौसम के बदलते रूप से मौसम हमें बेवकूफ बनाती है जिसके कारण भी अप्रैल फूल बनाया जाता है।

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