11 वर्ष की उत्तरा का हो गया था 16 वर्षीय अभिमन्यु से विवाह, जाने तथाकथित बाल विवाह के पीछे के तर्क

लगभग 50 साल पहले भारत में बालविवाह अभिशाप था, कम उम्र में गर्भाश्य होने से कुपोषण और प्रसव के दौरान महिलाओ की मृत्यु आम बात भी. दशकों पहले ही बाल विवाह भारत में गैरकानूनी हो गया था लेकिन आज भी हजारो की संख्याओं में ये हो रहे है, मुस्लिमो में क़ानूनी है इसलिए क़ानूनी रूप से हो रहे है.
लेकिन ये अभिशाप बना मुघलो के आने के बाद उसके पहले न दो देश में जातिवाद था और न ही बाल विवाह से औरतो के मरने की समस्या और न ही बाल विधवाओं का ही कोई संकट ही था. असल में मुघलो ने धर्म पर आक्रमण किया इसके बाद ही इसकी स्तिथि बिगड़ी थी.
आज के समय में जब अधर्म बढ़ गया है तब इसका औचित्य भी नहीं है अब तो और भी बुरे दिन आने वाले है जब बिना शादी के ही लड़किया मर्दो या विवाहित मर्दो के साथ रहने लगी है. बाल विवाह एक कुरीति नहीं बल्कि उस समय के गृहस्थ धर्म से जुडी हुई और धर्म से जुडी हुई एक दिव्य परम्परा थी.
अगर ऐसा न होता तो सीता जी, उतरा, रुक्मणि और द्रौपदी आदि आदि का नहीं हुआ होता बाल विवाह…..


जी हाँ, सीता जी का विवाह 6 वर्ष की आयु में ही हो गया था वंही रुक्मणि जी की विवाह 8 वर्ष की उम्र में तो द्रौपदी और उतरा का विवाह लगभग 12 वर्ष की उम्र से पहले पहले हो गया था. सनातन धर्म की मान्यता है की कन्या के रजस्वला होने के बाद हर महीने पिता को (शादी न करे उसकी तो) ब्रह्महत्या का पाप लगता है इसलिए ऐसा पाप लगने से पहले ही विवाह कर देते थे.
लेकिन सबसे ज्यादा ध्यान देने योग्य बात ये है की तब (उस समय काल में) 5 वर्ष की आयु में ही बच्चे विवेकी हो जाते थे, साथ ही स्त्री पुरुष सिर्फ जब बच्चा पैदा करने का सही समय आने पर ही सिर्फ इसी उद्देश्य से रतिक्रीड़ा करते थे आज के समय के जैसे सिर्फ आनंद के लिए नहीं.
सीता जी लगभग 32 साल की उम्र में गर्भवती हुई थी, द्रौपदी रुक्मणि जी के साथ भी ऐसा ही था. सिर्फ उतरा ही ऐसी थी जो की टीनएज में गर्भवती हुई थी, शरीर अगर विकसित है तो इस उम्र में माँ बनने में कोई जोखिम नहीं है. अब बाल विवाह तो नहीं हो रहे है लेकिन शहरी लड़के लड़किया 15 साल से पहले पहले अपनी पवित्रता खो रहे है ये भी एक कटु सत्य है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *