15 अगस्त 1947 नहीं, बल्कि 3 जून 1948 को मिलनी थी भारत को आजादी, जानिए क्या है सच
15 अगस्त 1947 यानि देश की आजादी की दिन, यहीं वो दिन है जब भारत को पिछले 200 सालों से चली आ रही गुलामी से आजादी मिली। आजादी के इसी जश्न को मनाने के लिए पूरे देशभर के लोग जमा हुए थे और पूरा देश जश्न में डूब गया था। लेकिन आजादी का जश्न मना रहे देशवासियों को ये आजादी इतनी आसानी से नहीं मिली थी। इस आजादी के लिए देश के जवानों और हजारों लोगों ने आहुति दी है, जिसमें उन्होंने अपनी जान तक की भी बाजी लगाई, गोलियां खाई जब कहीं जाकर सदियों की गुलामी के बाद 15 अगस्त 1947 के दिन भारत गुलामी की जंजीरों से आजाद हुआ।
ना जाने भारत देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद कराने के लिए कितने भारतीयों ने अपनी जान की कुर्बानी दी। सरदार वल्लभभाई पटेल, गांधीजी, नेहरूजी ने सत्य, अहिंसा और बिना हथियारों की लड़ाई लड़ी। सत्याग्रह आंदोलन किए, लाठियां खाईं, कई बार जेल गए और अंग्रेजों को हमारा देश छोड़कर जाने पर मजबूर कर दिया। आखिरकार देश के हजारों वीर सपूतों की कुर्बानी रंग लाई और 15 अगस्त 1947 के दिन गुलामी की जंजीरों में जकड़े भारत की बेड़ियां टूटी और देश आजाद हुआ।
दरअसल, शुरूआती योजना के अनुसार भारत को जून, 1948 में आज़ादी मिलने का प्रावधान था। वाइसराय बनने के तुरंत बाद लार्ड माउंटबैटन की भारतीय नेताओं से बात शुरू हो गई थी, लेकिन ये इतना भी आसान नहीं था। जिन्ना और नेहरू के बीच बंटवारे को लेकर पहले से ही रस्साकसी चल रही थी। जिन्ना ने अलग देश बनाने की मांग रख दी थी, जिसकी वजह से भारत के कई क्षेत्रों में साम्प्रदायिक झगड़े शुरू हो गए थे। माउंटबैटन ने इसकी अपेक्षा नहीं की थी और इससे पहले कि हालात और बिगड़ते, भारत को अंग्रेजों द्वारा आजादी 3 जून 1948 की जगह 15 अगस्त 1947 में ही देने की बात तय हो गई।
अब सवाल ये भी उठता है कि जब एक साल पहले आजादी देने की बात तय हो गई तो फिर इसके लिए 15 अगस्त का दिन ही क्यों चुना गया। दरअसल, लार्ड माउंटबैटन 15 अगस्त की तारीख को हमेशा से ही शुभ माना करते थे, क्योंकि द्वितीय विश्व युद्ध के समय 15 अगस्त, 1945 को जापानी आर्मी ने आत्मसमर्पण किया था और उस समय लार्ड माउंटबैटन अलाइड फोर्सेज के कमांडर थे।
लार्ड माउंटबैटन ने जब आजादी की तारीख 15 अगस्त 1947 कर दी तो देश के ज्योतिषियों में खलबली मच गई। ज्योतिषियों के अनुसार ये तारीख अमंगल व अपवित्र थी। ऐसे में माउंटबैटन को दूसरी तारीखें भी सुझाई गई, लेकिन वो 15 अगस्त पर ही अडिग रहे। वहीं ज्योतिषियों ने एक उपाय निकाला, जिसमें उन्होंने 14 और 15 अगस्त की रात 12 बजे का समय तय किया। ऐसा करने के पीछे अंग्रेजों के हिसाब से दिन 12 AM पर शुरू होता है, लेकिन हिन्दू कैलेंडर के हिसाब से सूर्योदय के समय पर। ऐसे में रात बारह बजे आजादी की घोषणा कर गई।
आज हमारे देश को आजाद हुए 73 साल हो गए हैं और ये जानना हमारे लिए ज़रूरी है कि हमें 15 अगस्त, 1947 को ही आजादी क्यों मिली। आजादी के इस जश्न पर नेचुरल न्यूज भी आशा करता हैं कि जश्ने आजादी का यह पर्व आप सभी के जीवनद में ढेर सारी खुशियां ले कर आए। नेचुरल न्यूज न्यूज की ओर से आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं। जय हिन्द, जय भारत…