7 खूनी दरवाजों का खोफनाक रास्ता
आज से 50 साल पहले डकैतों का संघगठन हुआ करता था। इस संघगठन मे लगभग 10 लोग हुआ करते थे और ये डकैत गरीबो को लूटा करते थे। उस समय पर डकैत सिर्फ घोड़ो पर ही आया जाया करते थे क्योकि उस समय मे कार और मोटरसाइकिल जैसी सुविधा बहुत ज्यादा कम थी इसलिए डकैतों की सबसे अच्छी सवारी घोड़े हुआ करती थी क्योकि आप अच्छी तरह से जानते ही होंगे और आपने फिल्मों मे भी ऐसा होता हुआ देखा होगा। उस पर पुलिस भी इतनी ज्यादा सक्रिय नहीं हुआ करती थी इसलिए डकैतों के संघगठन पनप रहे थे।
इन 10 को धन दौलत का इतना मोह था कि यह डकैत किसी हद तक जाने को तैयार रहते थे। इन डकैतों ने सेकड़ों घरों को बर्बाद कर दिया था। सेकड़ों बच्चो को यतीम और सेकड़ों महिलाओ को इन्होने विधवा बना दिया था। ये डकैत अपनी दौलत की भूख के आगे इतने बेरहम हो गए थे कि इनको दौलत के आगे कुछ भी दिखाई नहीं देता था। इनके आगे चाहे बच्चा आ जाए या फिर कोई गर्भवती ये डकैत इन पर भी रहम नहीं दिखाते थे। इन्होने ने सेकड़ों घरों मे आग लगाकर हजारो लोगो का कत्लयाम किया था।
ये डकैत रात के अंधेरे मे गाँव मे घुसकर गरीबो को लूटा करते थे और उन गरीबो के साथ आत्याचार किया करते थे। ये इनका रोजाना का पैसा बन चुका था। ये 10 डकैत दौलत के नशे मे आदमखोर बन चुके थे। ये गरीबो का पैसा लूटकर अपनी shaitani भूख को मिटाते थे।
लेकिन दोस्तो पाप का घड़ा एक न एक दिन जरूर ही भरता और बाद मे फूटता भी है ऐसा ही इन 10 डकैतो के साथ भी होने जा रहा था।
एक बार इन डकैतों का संघगठन एक गाँव की तरफ उस गाँव को लूटने के लिया रवाना हो जाता है उस समय रात का अंधेरा होता है और ये डकैत उस गाँव मे दाखिल हो जाते है लेकिन क्या देखते है कि इस गाँव मे दूर- दूर तक कोई नजर नहीं आता है केवल एक बुजुर्ग उस गाँव मे खाट पर बैठा हुआ दिखाई देता है। इन डकैतों को आश्चर्य होता है कि ऐसा हमने आज से पहले कभी नहीं देखा कि गाँव मे सिर्फ एक आदमी रहता है वो भी बुजुर्ग। ये सभी डकैत उस बुजुर्ग के पास पहुचे और पूझा की इस गाँव के लोग कहा गए है।
बुजुर्ग को तो पहले से ही पता था कि इस गाँव के लोग कहा गए है लेकिन यह बात उस बुजुर्ग ने उन डकैतो से छिपा ली ताकि उन सभी गाँव वालों की जान बच सके ताकि वह अपने आप को उन डकैतों से अपने बच्चे और परिवार को बचा सके।
वह बुजुर्ग काफी ज्यादा शातिर था और उसकी उम्र 85 साल थी। इस बुजुर्ग ने पहले से ही योजना बना ली थी कि इन डकैतों को ठिकाने कैसे लगाया जाए।
इस योजना के हिसाब से बुजुर्ग ने डकैतो के आने से पहले ही एक पहले सभी गाँव वालों को यह कहकर उस गाँव से भगा दिया था क्योकि उस बुजुर्ग को अंदाजा था कि कभी न कभी इस गाँव मे वह डकैत जरूर ही कदम रखेंगे। योजना के हिसाब से सभी गाँव के परिवार के लोगो को जंगल की और रवाना कर दिया था और अपनी जान की परवा किए बिना यह बुजुर्ग उन डकैतो को ठिकाना लगाना चाहता था।
उस बुजुर्ग ने एक ऐसी खतरनाक योजना बनाई थी कि उन डकैतो को उस योजना मे अपने जाल मे फसाना था और उन डकैतो को जड़ से खत्म करना था। बुजुर्ग की योजना मे था कि उस गाँव से 150 किलो मीटर दूर एक पहाड़ी थी उस पहाड़ी के नीचे एक गुफा थी जो बहुत ही ज्यादा खतरनाक थी। उस बुजुर्ग को पता था कि उस गुफा मे किसी का जाना बेहद ही खतरनाक हो सकता है क्योकि उस गुफा के अंदर 7 खूनी दरवाजे थे जहा पर एक दरवाजे मे एक खूंखार शैतान रहा करता था।
उस गाँव मे बैठे बुजुर्ग से उन डकैतों ने पूझा की इस गाँव के लोग कहा गए है।
बुजुर्ग ने जबाब दिया:- इस गाँव के लोग एक खजाने की तलाश मे गए है जहा पर बहुत सारा सोना, चाँदी, हीरे और मोती छिपे हुए है। बुजुर्ग ये भी कहा कि मे भी उस खजाने को प्राप्त करना चाहता था लेकिन मुझसे इतनी दूर चला नहीं जाएगा।
डकैतों ने उस बुजुर्ग की बातों को सुना और बाद मे बुजुर्ग से कहा क्या ये सही बात है तो बुजुर्ग ने कहा हाँ ये सही बात है तो डकैतो को उस बुजुर्ग की बात पर भरोषा हो गया था जब उनको लगा की बकाई मे वहा पर खजाना छिपा है तो उस बुजुर्ग को वही पर कत्ल कर देते है और सुबह होते ही वह डकैत अपनी मंजिल की और निकल पड़ते है। साथ मे खाने पीने का समान भी ले लेते है ताकि रास्ते मे कुछ खा सके क्योकि 150 किलो मीटर दूर वह पहाड़ी थी जो की वहा पहुचने के लिए दो से तीन तो लगता।