एक ऐसी लड़की जो कभी नहीं हंसती, वजह जानकर हैरान रह जायेंगे

भला कोई इंसान बिना हसे बिना रोये कैसे रह सकता. अगर जीवन में खुशी आये तो इंसान के चेहरे पर हस्सी आती है. इंसान का चेहरा ही उसके दिल का हाल बताता है . मतलब ख़ुशी में चेहरे में हस्सी और गम में चेहरे पर नमी साफ़ साफ़ झलकती है. लेकिन एक ऐसी भी औरत है जो 40 साल से बिना हसे हुए जिंदगी बिता रही है, वो भी इसलिए क्योंकि उसके चेहरे पर झुडिया ना आये. है ना !

ताजुब की बात, आपको पहले तो यकीन नहीं होगा, या फिर आप इसे पागलपन कहेंगे, लेकिन आपको बता दे की टेस्स क्रिस्चियन एक ऐसी महिला है जो 50 साल की हो गयी है और उन्होंने पिछले 40 साल से कभी नहीं मुस्कुराया, सिर्फ इसलिए की उसके चेहरे पर झुडिया ना पड़े. मतलब उनका मानना है की हसने से चेहरे पर शिकन आती है जिससे चेहरे पर झुडिया आ जाती हैं, इसलिए उन्होंने मुस्कुराना ही छोड़ दिया.टेस ईसाई 50 वर्षीय एक महिला है, जो ब्रिटेन की रहने वाली हैं,

जो झुर्रियों की उपस्थिति से बचने के लिए अपनी किशोरावस्था से पहले मुस्कुरा नहीं रही थी. उसने दावा किया कि उसने अपने चेहरे की मांसपेशियों को प्रशिक्षित किया है और उन्हें आसानी से नियंत्रित कर सकती हैं. उन्हें लगता है कि यह बोटॉक्स के लिए एक प्राकृतिक विकल्प है.वह कहती है कि उसने ऐसा नहीं किया यह तर्कसंगत लगता है, जैसा कि 10 वर्षीय बच्चा झुर्रियां पाने के बारे में ज्यादा परवाह नहीं करता उसने कैथोलिक स्कूल में इस आदत को शुरू किया था जहां सख्त नन हमेशा बच्चों से गुस्से से ही पूछती रहती थी,

उन्होंने पाया की नन अपने मुस्कराहट को छिपाती रहती और सख्त हो कर पूछ-ताछ करती रहती हैं ।वहां हसने की आजादी जैसे थी ही नहीं, इसलिए वो नन के सामने कभी मुस्कराती नहीं थी और अपने मुस्कराहट को नन से छिपाती रहती थी. यह आदत उन्होंने बरकार रखी,जब उसने अपनी किशोरावस्था में प्रवेश किया.
हालांकि ईसाई के लिए बस बोटॉक्स में निवेश करना इतना आसान होगा, उनका मानना है कि उनकी रणनीति एक प्राकृतिक और आकर्षक विकल्प है. डेली मेल के साथ एक साक्षात्कार में, वह कहती है, “हर कोई पूछता है कि मेरे पास बोटॉक्स है, लेकिन मुझे नहीं पता है, और मुझे पता है कि यह इस तथ्य के लिए धन्यवाद है कि मैं एक किशोरी के बाद से हँसे या मुस्कुरा बिना रह चुकी हूं। मेरा समर्पण बंद हो चुका है, मेरे चेहरे पर मेरे पास एक पंक्ति नहीं है।

“उनके मुताबिक, मेरे पास चाबी है जो चेहरे की मांसपेशियों को प्रशिक्षित करना है, जब मुस्कुराहट की इच्छा पैदा होती है। तो भी मैं अपने चेहरे पर हस्सी नहीं लाने देती, शायद इसलिए लोग मुझे खडूस भी बोलते हैं,और शायद में खडूस हूँ भी, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता.आपको जान कर यह भी आस्चर्य होगा की उनका एक खुश मयी परिवार भी है, लेकिन वो अपने परिवार में भी हस्ती नहीं है.

टेस क्रिश्चन एक शिकन-कम चेहरे के अपने लक्ष्य के लिए इतना समर्पित थी कि उन्होंने अपनी बेटी स्टीवी को पहली बार पकड़ते हुए किसी भी भावना को नहीं दिखाया. उन्होंने कहा की,”स्टीव के जन्म के बाद मुझे खुशी से अभिभूत थी, लेकिन फिर भी मुस्कुराहट की आवश्यकता महसूस नहीं हुई,” . अब आप इसे पागलपन समझे या महिला की अपने गोल के प्रति समर्पण .

ईसाई ने कहा कि उसके पति, जिसे उन्होंने 1998 में तलाक दे दिया था, उसे कभी भी किसी न किसी अभिव्यक्ति के साथ कोई समस्या नहीं थी इसके अलावा, अब उसकी बेटी जो 27 वर्षीय है, कभी अपनी मां की निरंतर गंभीर अभिव्यक्ति के बारे में कभी भी अजीब महसूस नहीं हुई. ईसाई का दावा है कि वह अपनी बेटी के साथ खुशहाल चेहरे के भावों के बजाय शब्दों का उपयोग करते हुए बंधन करती है. लेकिन वह कहती है कि वह अपनी बेटी को “स्किनकेयर रेजिमेंट” को अपनाने के लिए कभी मजबूर नहीं करती जैसे उसने अपनी ज़िंदगी को समर्पित किया था. खैर, हम आशा करते हैं कि उनका यह जूनून बरकार रहे और उनके साथ हमेशा अच्छा होते रहे.

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