आखिर क्या है सिक्योरिटी गार्ड के काले चश्मे के पीछे का राज

किसी भी देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति से लेकर बड़े- बड़े नेताओं के सुरक्षा की जिम्मेदारी उनके बॉडीगार्ड पर ही होती है। बॉडीगार्ड हर वक्त साए की तरह उनके साथ होते हैं। आपने देखा होगा कि इन वीआईपी लोगों के साथ और पीछे खड़े सिक्योरिटी गार्ड काला चश्मा पहने होते हैं। ऐसे में आपके मन में भी कई सवाल तो जरुर उठते होंगे कि आखिरकार इस काले चश्मे के पीछे का राज क्या है।

ऐसी क्या बात हैं कि ये बॉडीगार्ड चाहे धूप हो या बरसात हर मौसम में काला चश्मा पहने ही नजर आते हैं। सिक्योरिटी गार्ड के हर वक्त काला चश्मा चढ़ाये रखने के पीछे भी कुछ कारण हैं। तो आइए आपको बताते हैं कि किन वजहों से इन्हें हमेशा पहनना पड़ता है काला चश्मा।

कहीं पे निगाहें, कहीं पे निशाना

अक्सर आपने देखा होगा कि वीआईपी लोगों के साथ चलने वाले बॉडीगार्ड किस ओर देख रहे हैं, इसका पता किसी को नहीं चल पाता। दूर के लोगों को तो क्या पास मौजूद लोग भी ये नहीं देख सकते कि सिक्योरिटी गार्ड की नजरें किस ओर है। कोई नहीं जान सकता है कि ये गार्ड कहां देख रहे हैं। ऐसे ही सिक्योरिटी गार्ड काले चश्मे के जरिए दुश्मन को भी चकमा देते हैं। दुश्मन इस बात का अंदाजा भी नहीं लगा सकते कि वो किस ओर देख रहे हैं या उनकी नजर किस पर है। अपने आंखों की हरकतों को छुपाने के लिए सिक्योरिटी गार्ड काला चश्मा पहनते हैं।

आंखों से दिमाग तक का खेल

सुरक्षाकर्मियों को एक स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है। जिससे वे किसी की आंखों को या शारीरिक हाव – भाव को देख कर ये समझ जाते हैं कि उसका अगला कदम क्या होगा। कहीं ऐसी ही ट्रेनिंग सामने वाले दुश्मन ने भी अगर ले रखी होगी तो उससे बचाव में काला चश्मा कारगर होता है। कहीं सामने वाला दुश्मन भी ये पता ना लगा ले कि अब सुरक्षाकर्मी क्या कर सकते हैं। इसलिए सुरक्षाकर्मियों को काला चश्मा पहनना पड़ता है।

खतरे से बचाव

कभी अचानक विस्फोट हो या गोलियां चले, तो जाहिर सी बात है कि पल भर के लिए भी आंखें जरूर बंद होंगी। ऐसी स्थिति में सुरक्षाकर्मियों के लिए आंखें खुली रखनी बेहद जरूरी होती है। पल भर की भी चूक बड़े हादसे में बदल सकती है। काला चश्मा पहनने की वजह से सुरक्षाकर्मी ऐसी स्थितियों में भी मुस्तैद रहते हैं और अपने काम को सत्तर्कता से पूरा करते हैं।

आंखों की सुरक्षा

बॉडीगार्ड होने के नाते हर घड़ी उनपर खतरा बना ही रहता है। हर पल, हर कदम पर उन्हें सर्तक रहना पड़ता है। बुरे परिस्थितियों में दुश्मन से लड़ने के लिए कई तरह के हथियार तो उनके पास होते हैं, लेकिन आंखें खुद में उनके लिए एक बड़ा हथियार है। ऐसे में आंखों की देखभाल बहुत ही जरूरी है। जो वो काला चश्मा लगा कर करते हैं।

चाहे गर्मी हो, ठंड हो या बरसात। अस्पताल हो, भीड़ हो या फिर कोई सामाजिक कार्यक्रम हर जगहों पर ये सुरक्षाकर्मी डटे होते हैं। इसलिए सुरक्षाकर्मी हमेशा आंखों में काला चश्मा पहने होते हैं ताकि कोई उनकी आंखों में धूल ना झोंक पाए।

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