रेल मंत्री के सामने एआईआरएफ का फूटा गुस्सा, जाने क्या था पूरा मामला

16 जनवरी को नई दिल्ली स्थित रेल भवन में रेलमंत्री पीयूष गोयल के साथ जेसीएम की मीटिंग हुई. इस मीटिंग में एआईआरएफ के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने काफी मुखरता पूर्वक कई ज्वलंत मुद्दों व मामलों को रेलमंत्री के सामने उठाया और कहा कि पूरे रेलवे में इन दिनों कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है. कर्मचारी हों या अफसर सभी भयभीत हैं, वे तनाव में कार्य करने मजबूर हैं, जो विस्फोटक रूप ले सकता है. 

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महामंत्री श्री मिश्रा ने दुख जताते हुए कहाकि परिवर्तन संगोष्ठी में कहा गया कि यूनियन से जुड़े 50 हजार पदाधिकारी काम नहीं करते. महामंत्री ने कहाकि हमारा काम किसी को बताने की जरूरत नहीं है, स्टेशन मास्टर हमारे पदाधिकारी है, ट्रैकमैन हमारे पदाधिकारी हैं, लोको पायलट हमारे पदाधिकारी हैं, गार्ड हमारे पदाधिकारी हैं, अगर ये काम नहीं करेंगे तो रेल चल कैसे रही है ? महामंत्री ने कहाकि इस बात गलत तरह से प्रचार भी किया जा रहा है. महामंत्री ने कहाकि हमारा हर पदाधिकारी पहले अपना काम करता है और फिर यूनियन के लिए समय निकालता है. इस परिवर्तन संगोष्ठी में अगर फैडरेशन को भी आमंत्रित किया गया होता तो इस तरह की एक तरफा बात नहीं होती.

एआईआरएफ के असिस्टेंट जनरल सेक्रेट्री व डबलूसीआरईयू के महामंत्री मुकेश गालव ने बताया कि एआईआरएफ द्वारा रेलमंत्री के समक्ष उठाये गये रेल कर्मचारियों की भावनाओं व आक्रोश पर रेलमंत्री ने बिंदुवार जवाब दिया, जिसमें उन्होंने कहा-

– रेलमंत्री ने परिवर्तन संगोष्ठी के संबंध में कहा, अखबारों में छपी खबरों पर कोई राय नहीं बनाया जाए. भारतीय रेलवे नियम कायदों से चलती है. परिवर्तन संगोष्ठी फिर से करेंगे.

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