हमेशा सच बोलो, शिक्षा वाली हिंदी कहानी

कुछ वर्षों पहले की ही बात है राजू नाम का छोटा बच्चा ढोलकपुर गांव में रहता था और बच्चे को बचपन से ही झूठ बोलने की आदत लग चुकी थी क्योंकि उसके गांव में कुछ व्यक्ति अक्सर झूठ बोला करते थे जिससे राजू की बचपन में ही झूठ बोलने की आदत पड़ गई थी।

राजू अपने घर का इकलौता लड़का था जो सबकी आंखों का तारा था सब उससे बेहद प्यार करते थे और इसी लाड प्यार के चक्कर में राजू बहुत झूठा हो गया था 1 दिन राजू खेल रहा था तो उसके दिमाग में अचानक एक शरारत करने की सूजी फिर क्या था राजू जोर जर से चिल्लाने लगा बचाओ बचाओ शेर आया इतना सुनते ही सब गांव वाले घर से बाहर आ गए राजू के घर वाले भी दौड़ते हुए डंडा लेकर घर से बाहर निकले।

परंतु जैसे ही सबने बाहर देखा तो वहां कोई भी नहीं था अब राजू जोर-जोर से ठहाके मार के हंसने लगा परंतु राजू तो सबकी आंखों का तारा था सबसे बेहद लाड प्यार करते थे तो उसकी बात को सबने हंसी में टाल दिया और उसको किसी ने समझाने की कोशिश भी नहीं की फिर सब अपने अपने काम पर चले गए।

ढोलकपुर गांव के पड़ोस में एक बेहद घना जंगल भी था जहां पर बहुत सारे जंगली जानवर कहां करते हैं एक दिन जब राजू घर के दरवाजे पर बैठक खेल रहा था तो वहां एक शेर आ गया अब शेर को देख तो राजू बहुत जोर जोर से चिल्लाने लगा बचाओ बचाओ परंतु कोई भी गांव वाला या उसके घर वाले उसकी आवाज सुनने के बाद भी नहीं आए क्योंकि उनको लगा था यह राजू स्वीट से मजाक कर रहा है फिर क्या राजू को झपट लिया और खींचता हुआ जंगल में ले गया उसके बाद बहुत देर तक राजू की आवाज ना सुनाई देने पर उसकी मां बाहर आई तो वह सब समझ गई।

और जोर जोर से रोने लगी और उसको अपनी गलती का एहसास भी हुआ कि यदि वह राजू को झूठ बोलने से मना कर देती तो आज उसका बेटा जिंदा होता।

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