Amazon और रिलायंस, दुनिया के दो सबसे अमीर कोर्ट में एक दूसरे के आमने सामने क्यों हैं? जानिए वजह

अगस्त 2019 में अमेजन ने 1431 करोड़ रुपए में फ्यूचर कूपन्स की 49% हिस्सेदारी खरीदी थी। तब फ्यूचर कूपन्स की 10% हिस्सेदारी फ्यूचर रिटेल में भी थी। इस खरीददारी में एक करार हुआ था जिसके मुताबिक फ्यूचर रिटेल अपनी हिस्सेदारी रिलायंस को नहीं बेचेगी।

विवाद की शुरुआत- अगस्त 2020 में बिना अमेजन से एन ओ सी लिए फ्यूचर रिटेल ने अपनी कंपनी 24731 करोड़ रुपए में रिलायंस इंडस्ट्रीज को बेच दी। इस पर अमेजन ने आरोप लगाया कि बिना उसके जानकारी यह डील कैसे हो सकती है जबकि रिलायंस को ना बेचने का करार भी हुआ था।

कानूनी उपाय की तरफ भागती अमेजन-

1- अमेजन ने इस डील के खिलाफ सिंगापुर में अपील कि तब सिंगापुर के पंचाट ने इस डील पर रोक लगा दी। लेकिन इस फैसले को मानने के लिए दोनों कंपनियां बाध्य नहीं थीं

2- सेबी ने भी जनवरी 2021 में इस डील को मंजूरी दे दी।

3- मामले को हाथ से जाता देखकर अमेजन दिल्ली हाईकोर्ट में पहुंचा और दिल्ली हाईकोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखते हुए डील पर रोक लगा दी।

आखिर विवाद हो क्यूं रहा है-

फ्यूचर रिटेल के देश भर के 420 शहरों में 1800 से ज्यादा स्टोर्स हैं और इतने बड़े बाजार को दोनों दानव कंपनियां अपने हाथ से गंवाना नहीं चाहती इसलिए यह विवाद चल रहा है।

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