कोरोना और स्किन हंगर: क्या प्यार भरा स्पर्श और सेंसुअल टच एक ही बात है?
प्यार भरा स्पर्श और सेंसुअल टच दोनों अलग-अलग हैं। प्यार भरा स्पर्श से तातपर्य है एक पॉजिटिव टच। हम अपने दफ्तर में अपने साथ काम करने वाले लोगों से हाथ मिलाते हैं, कभी आपका बॉस आपकी पीठ थपथपाता है।
ये सभी एक प्यार भरे स्पर्श के उदाहरण हैं। एक स्टडी के अनुसार, टच नॉर्मल हो या सेंसुअल यदि वो पॉजीटिव है तो वो आपके मूड को बेहतर बनाने का काम करता है। जिस तरह एक कर्मचारी के लिए उसके बॉस द्वारा पीठ ठपठपाना अच्छा महसूस कराएगा।
स्किन टू स्किन टच मेंटल, इमोश्नल और फिजिकल हेल्थ के लिए फायदेमंद होता है। एक प्यार भरी झप्पी हमारी सारी टेंशन को दूर कर देती है। ऐसा सिर्फ इंसानों में ही नहीं बल्कि जानवरों में भी देखने को मिलता है। हम जब किसी जानवर को प्यार से टच करते हैं तो वह भी हमें स्नेह दिखाता है।
हम सभी की जिंदगी में स्पर्श बेहद महत्वपूर्ण संवेदना है। हमारी त्वचा में बहुत सारे रिसेप्टर होते हैं जो खुशी की भावना को बढ़ाते हैं। साथ ही ये एंग्जायटी से निजात दिलाते हैं। यह हमारे शरीर के लिए पोषक तत्वों जितना ही जरूरी होता है।