क्या सच्च में भगवान प्रसाद खाते हैं? जानिए सच
हमारे यहाँ दीवाली के बाद गोवर्धन महोत्सव होता है उसमे उस समय उपलब्ध सभी सब्जियों को मिलाकर एक सब्जी बनाते है उस यहाँ अन्कूट कहते है, जब उस सब्जी का भगवान कोभोग लग जाता है, तो उस सब्जी को सभी लोगो मे बाट दिया जाता है.
यदि ये सब्जी किसी अन्य दिन बनाकर खाई जाए तो उसमे वो स्वाद नही होता जो पूजा वाले दिन होता है, सब्जी तो वही, मसाले भी वही, बनाने वाला भी वही और खाने वाला भी वही, फिर भी स्वाद मे अंतर, कहते है.
भगवान को भोग लागाने के बाद खाना जोकि अब प्रसाद कहा जाता है वह अमृत् बन जाता है तो ये तो सच ही है भगवान को जो हम प्रेम और श्रद्धा से अर्पण करते है उसे भगवान अवस्य् स्वीकार करते है