Drinking Hookah is more harmful than cigarette, learn facts

क्या सिगरेट से भी ज्यादा हानिकारक है Hookah पीना , जानें तथ्य

हमारे देश में राजा महाराजाओं के दौर से चला आ रहा Hookah अब युवाओं की भी पसंद बनता जा रहा है. जिसके कारण शहरों के मॉल इत्यादि में आसानी से हुक्का बार , लाउन्ज काफी फेमस होते नजर आ रहे हैं. स्कूल जाते छोटी उम्र के बच्चे भी धुएं के छल्ले बनाने को उत्साहित दिखने लगे है.

ऐसे में हुक्के से जुड़े कई तथ्य हम सभी ने अपने ख़ास दोस्तों या करीबी सम्बन्धियों से प्यार भरे श्लोकों के साथ जरुर सुने होंगे. जिसमे दावे के साथ कहा जाता है ..

#@#@ .. हुक्के से कुछ भी नहीं होता.

इसमें तम्बाकू थोड़ी है #@#@# .. सिर्फ फ्लेवर है भाई.

इसका धुंआ नुक्सान नहीं करता , आदि आदि.

जबकि सच यह है की हुक्के का धुंआ शरीर को सिगरेट के धुएं से ज्यादा नुक्सान पहुंचाता है. हुक्के के व्यापार से जुड़े लोगों ने इसे अपनी आमदनी का जरिया बनाने के लिए युवाओं के सामने नये नये डिजाईन और आकर्षक तौर तरीको से पेश किया है. जिसके कारण आधे अधूरे ज्ञान साथ ही युवा पीढ़ी इसका शिकार हो रही है.

अक्सर एक हुक्का सेशन 30-80 मिनट तक चलता है, जोकि 100 सिगरेट पीने के बराबर होता है. हुक्का और सिगरेट दोनों के सेवन से अंत में कार्सिनोजन निकलता है. यह फेफड़ों का कैंसर, दिल की बीमारी जैसी गंभीर डिजीज का कारण बन सकता है.

वहीं, यह भी अवधारणा है कि सिगरेट की तरह हुक्का पीने की लत नहीं लगती. जबकि, हुक्के में भी सिगरेट की तरह निकोटीन मौजूद होता है, जो लोगों को अपना लती बना लेता है.

हुक्का दो भागों में बँटा होता है. ऊपर वाला भाग तम्बाकू और फ्लेवर को जलाता है तो नीचे वाला भाग पानी के जरिए उसके धुएं को फ़िल्टर करता है, ताकि फ्लेवर फ्लो में आए.

हुक्का पीने के लिए गहरी सांस लेनी पड़ती है जिसके कारण हुक्के का धुआं फेफड़ों के काफी भीतर तक चला जाता है.

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