प्रेग्नेंसी के दौरान इस कारण से हो सकता है मोटे बच्चे का जन्म

डायबिटीज की समस्या
जेस्टेशनल डायबिटीज के साथ ही अगर प्रेग्नेंसी के दौरान मां के शुगर लेवल को कंट्रोल नहीं किया गया तो ग्लूकोज का लेवल बहुत बढ़ जाएगा। इस कारण फीटस में भी ग्लूकोज का लेवल ज्यादा हो जाएगा। हाई लेवल के कारण फीटस इंसुलिन प्रोड्यूस करेगा। ये बच्चे की ग्रोथ को बढ़ाने का काम करता है।

प्रेग्नेंसी के दौरान मोटापा
प्रेग्नेंसी के दौरान मोटापा भी रिस्क के अंतर्गत आता है। ये स्थिति मेक्रोसोमिया यानी बच्चे में मोटापे को बढ़ाने का काम करती है। ऐसी स्थिति में फैटी बच्चे के जन्म की संभावना बढ़ जाती है।

बिग बेबी की पहले की हिस्ट्री
अगर महिला पहले भी फैटी बेबी को जन्म दे चुकी है तो इस बात की संभावना बढ़ जाती है कि वो एक बार फिर से फैटी बेबी को जन्म दे सकती है।

अधिक उम्र में मां बनना
महिला का अधिक उम्र में ( 35 से 40 साल) मां बनना भी बच्चे के फैटी होने का कारण हो सकता है। ऐसा कई मामलों में पाया गया है कि अधिक उम्र में बच्चे को जन्म देने से बच्चे का वेट बढ़ जाता है।

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