अंतिम संस्कार से लौटते वक्त इस वजह से पीछे मुड़कर न देखने की दी जाती है हिदायत,जानिए यहां

दोस्तों, जैसा कि आप सभी जानते हैं कि मरने के बाद शव को जला दिया जाता है हिंदू मान्यता के अनुसार शव को जलाने से उसका शरीर पंचतत्व में विलीन हो जाता है जिससे वह आत्मा परमात्मा से मिल जाती है.

पुराणों में इस बात का जिक्र किया गया है कि मौत के बाद भी आत्मा का अपने परिवार के सदस्य निवास स्थल, प्रिय वस्तु पर मोह बना रहता है इसलिए आत्मा उन चीजों के आसपास भटकती रहती है आपने सुना होगा कि दाह संस्कार के बाद लोगों को कहा जाता है कि वह पीछे मुड़कर ना देखें सीधे चलते रहे आपने सोचा ऐसा क्यों कहा जाता है तो चलिए हम आपको इसके बारे में बताते हैं.

जब शव को जलाया जाता है कि तब इसके माध्यम से आत्मा को यह समझाया जाता है कि अब उसका इस संसार से कोई लेना-देना नहीं है। यहां उसका हिसाब पूरा हो चुका है। न उस शरीर से अब उसका कोई संबंध है और न ही उन लोगों से जो कि उसके परिवार के सदस्य है। उसकी अब एक अलग दुनिया है जहां लौट जाना ही उसके लिए उचित है।

उस पर अगर परिवार का सदस्य या कोई प्रियजन शवदाह कर लौटते वक्त पीछे मुड़कर देखता है तो आत्मा का लगाव उससे कम होने के बजाय और बढ़ जाता है और परलोक गमन करने में उसे कष्ट होता है। अगर कोई इस गलती को कर बैठता है तो मृतक की आत्मा अपने परिजनों के साथ-साथ पीछे-पीछे वापस आ जाती है।

कभी-कभी वह जीवित व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर उसे सताने लगती है। इस बात का प्रभाव बच्चे और गर्भवती महिलाओं पर पड़ता है इसलिए उन्हें श्मशान घाट जाने से मना किया जाता है.

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